जयपुर :प्रदेश की भजनलाल सरकार आगामी बजट को लेकर विभिन्न वर्गों के साथ संवाद कर रही है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने चिकित्सा और जनजातीय क्षेत्रों के हितधारकों के साथ वन-टू-वन चर्चा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सक अपनी संवेदनाओं के साथ कर्तव्य निभाते हुए "स्वस्थ राजस्थान" की संकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार "आपणो स्वस्थ राजस्थान" की संकल्पना पर काम करते हुए उत्कृष्ट और खुशहाल राजस्थान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
चिकित्सकों की सुरक्षा और सुझाव :चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में चिकित्सा सेवाएं बेहतर करने के लिए सुझाव दिए और साथ ही सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को उठाया. चिकित्सकों ने प्रदेश में "हेल्थ प्रोटेक्शन एक्ट" लागू करने की मांग की. भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. एमपी शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कदम सराहनीय है कि वे बजट से पहले विभिन्न वर्गों से संवाद कर रहे हैं. डॉ. शर्मा ने सुरक्षा के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि सेफ्टी के लिए पहले ही एसओपी बनाई जा चुकी है, अब सरकार को इसे लागू करने के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी करना चाहिए, ताकि चिकित्सक सुरक्षित महसूस करें.
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आवश्यक सुझाव और अपील :डॉ. शर्मा ने इसके अलावा अन्य सुझाव भी दिए, जैसे कि छोटे अस्पतालों की सुविधाओं का विस्तार, आईएमए को जमीन अलॉट करने, और चिकित्सा योजनाओं की समीक्षा करने वाली कमेटी में आईएमए के प्रतिनिधि को शामिल करने की बात की. उन्होंने राज्य सरकार से बिजली की दरों को सस्ती करने की भी अपील की. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रजनीश शर्मा ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अलग फंड की व्यवस्था करने और डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए अलग से योजनाएं बनाने का सुझाव दिया. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार को स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट में वृद्धि करनी चाहिए, क्योंकि वर्तमान में यह राज्य के जीडीपी का केवल 1.55 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 1.9 प्रतिशत है. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सुनील चुघ ने कहा कि राज्य में नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं, लेकिन निजी स्टाफ और फैकल्टी की कमी है. साथ ही, फीस में वृद्धि के कारण मेधावी छात्रों के लिए प्रवेश की समस्या हो सकती है, जिसे लेकर सरकार को पॉलिसी पर पुनर्विचार करना चाहिए.