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झारखंड में नशा मुक्ति जागरुकता अभियान के समापन समारोह में बोले मुख्य सचिव, नशे से दूर रहें युवा-नहीं तो हो जाएगा जीवन खराब - De Addiction Awareness Campaign - DE ADDICTION AWARENESS CAMPAIGN

Awareness against drug addiction in Jharkhand.झारखंड को नशा मुक्त बनाने के लिए युवाओं से आगे आने का आह्वान किया गया है. नशा मुक्ति को लेकर चलाए जा रहे जागरुकता अभियान का रांची में समापन हो गया. जिसमें अधिकारियों ने नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए इससे दूर रहने की अपील की.

De Addiction Awareness Campaign
नशा मुक्ति को लेकर राज्यव्यापी जागरुकता अभियान के समापन कार्यक्रम में मौजूद अधिकारी. (फोटो-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 26, 2024, 5:52 PM IST

रांची:नशा मुक्ति को लेकर पिछले 19 जून से चलाए जा रहे राज्यव्यापी जागरुकता अभियान का बुधवार 26 जून को समापन हो गया. समापन कार्यक्रम राजधानी रांची के आर्यभट्ट सभागार में आयोजित किया गया. जिसमें मुख्य सचिव एल खियांग्ते, प्रधान सचिव वंदना डाडेल, डीजीपी अजय कुमार सिंह, उच्च शिक्षा सचिव राहुल पुरवार सहित कई अधिकारियों ने संबोधित किया. हालांकि समापन समारोह को सीएम चंपाई सोरेन को संबोधित करना था, लेकिन कार्य व्यस्तता की वजह से मुख्यमंत्री का कार्यक्रम ऐन वक्त पर टल गया.

जानकारी देते झारखंड के मुख्य सचिव एल खियांग्ते और अन्य अधिकारी. (वीडियो-ईटीवी भारत)

नशे से दूर रहें युवा, नहीं तो हो जाएगा जीवन तबाह-सीएस

आर्यभट्ट सभागार में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में मुख्य सचिव एल खियांग्ते ने युवाओं को नशे से दूर रहने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि नशे की चपेट में आने के बाद इससे बाहर निकलना बेहद ही मुश्किल हो जाता है और यह जीवन तबाह कर देता है. इसलिए अपने जीवन के साथ-साथ परिवार और समाज को इससे दूर रखने के लिए समाज के हर व्यक्ति को आगे आना होगा. राज्य सरकार ने जागरुकता अभियान चलाकर ड्रग्स, अफीम, गांजा जैसे नशीले पदार्थों के कुप्रभाव से बचने के लिए लोगों को आगाह किया है. इसके अलावे पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल के द्वारा लगातार अभियान चलाकर इसकी रोकथाम की कोशिश की जा रही है.

नशे से परिवार और समाज पर बुरा प्रभाव पड़ता हैः डीजीपी

इस मौके पर डीजीपी अजय कुमार सिंह ने पंजाब का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां प्रत्येक परिवार में कोई न कोई सदस्य ड्रग्स की चपेट में है. उन्होंने कहा कि इस वजह से परिवार के साथ-साथ समाज पर प्रभाव पड़ता है. झारखंड में अफीम की खेती नक्सल प्रभावित जिलों खासकर चतरा, खूंटी, लातेहार में होती रही है. इसके पीछे कहीं न कहीं नक्सल का प्रभाव रहा है. अब इन क्षेत्रों में नक्सली प्रभाव कम होते जा रहे हैं. स्वाभाविक रूप से अफीम की खेती को पूर्ण रूप से रोकने में हम सफल होंगे.

नशे के खिलाफ युवा वर्ग को आगे आने की जरूरतः प्रधान सचिव

वहीं प्रधान सचिव वंदना दादेल ने युवाओं को नशे से दूर रहने की सलाह देते हुए कहा कि सरकारी स्तर पर इसकी रोकथाम के लिए प्रयास करने के साथ-साथ युवा वर्ग भी सामाजिक स्तर पर नशे खिलाफ आगे आएं और लोगों को इसके दुष्परिणाम की जानकारी दें.

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