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घरेलू कामगार महिलाओं पर जलवायु परिवर्तन का बुरा असर, स्वास्थ्य के साथ आर्थिक कठिनाइयों का भी कर रहीं सामना - CLIMATE CHANGE NEGATIVE IMPACT

जलवायु परिवर्तन आज की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है, जिसका प्रभाव न केवल प्राकृतिक पर्यावरण पर बल्कि कामगार महिलाओं पर भी पड़ा है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 11, 2024, 2:08 PM IST

नई दिल्ली:जलवायु परिवर्तन का प्रभाव हमारे जीवन के सभी पहलुओं में गहराई से शामिल हो चुका है. विशेष रूप से, शहरी क्षेत्रों में रहने वाली आबादी इससे सबसे अधिक प्रभावित हो रही है. इस संदर्भ में, डेली वर्कर और घरेलू कामगार महिलाएं, जो सामान्यतः गांवों से शहरों में रोजगार की तलाश में आती हैं, सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही हैं. उनका स्वास्थ्य बिगड़ने के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ रहा है.

हाल ही में मार्था फैरेल फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट 'द इम्पैक्ट ऑफ क्लाइमेट चेंज ऑन वुमेन डोमेस्टिक वर्कर्स एंड एडोलसेंट्स इन दिल्ली' में इन मुद्दों को विस्तृत रूप से उठाया गया है. इस रिपोर्ट में दिल्ली के चार समुदायों में काम करने वाली घरेलू कामगार महिलाओं और किशोरों की हालत का पता लगाया गया है.

घरेलू कामगार महिलाओं पर जलवायु परिवर्तन का बुरा असर (ETV Bharat)

स्वास्थ्य पर प्रभाव:दिल्ली में काम करने वाली घरेलू कामगार रेनू, जो 10 साल की उम्र से इस क्षेत्र में हैं, बताती हैं कि उनका शरीर बीमारियों के लिए एक आश्रय स्थल बन गया है. गर्मी में तेज धूप में चलना उनके लिए मुश्किल हो जाता है, जिससे उन्हें चक्कर आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. रेनू की जैसे ही कई महिलाएं रोज़ अपने स्वास्थ्य की अनदेखी कर काम करने को मजबूर हैं.

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इसी तरह, मोनिका, जो घरेलू कामगार यूनियन की सदस्य हैं, बताती हैं कि पिछले कुछ वर्षों में कई घरेलू कामगार महिलाओं पर जलवायु परिवर्तन के अप्रत्यक्ष प्रभावों का अध्ययन किया गया है. इससे यह स्पष्ट होता है कि गर्मी, बारिश और ठंड में आए अचानक बदलावों के कारण महिला श्रमिकों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है.

आर्थिक नुकसान:महिलाएं न केवल स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रही हैं, बल्कि इन समस्याओं के कारण उनकी दिहाड़ी पर भी असर पड़ रहा है. सुमन, 46 वर्षीय घरेलू कामगार, ने बताया कि उन्हें हाल ही में चिकनगुनिया का सामना करना पड़ा, जिससे वह कई दिनों तक काम पर नहीं जा पाईं और आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ा.

इस रिपोर्ट के माध्यम से यह साबित होता है कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव न केवल पर्यावरण पर, बल्कि मानव जीवन पर भी भारी पड़ रहा है. विशेष रूप से, घरेलू कामगार महिलाएं इस परिवर्तन का सबसे अधिक शिकार हो रही हैं, जिनकी स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति गंभीर खतरे में है.

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