नई दिल्ली:जलवायु परिवर्तन का प्रभाव हमारे जीवन के सभी पहलुओं में गहराई से शामिल हो चुका है. विशेष रूप से, शहरी क्षेत्रों में रहने वाली आबादी इससे सबसे अधिक प्रभावित हो रही है. इस संदर्भ में, डेली वर्कर और घरेलू कामगार महिलाएं, जो सामान्यतः गांवों से शहरों में रोजगार की तलाश में आती हैं, सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही हैं. उनका स्वास्थ्य बिगड़ने के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ रहा है.
हाल ही में मार्था फैरेल फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट 'द इम्पैक्ट ऑफ क्लाइमेट चेंज ऑन वुमेन डोमेस्टिक वर्कर्स एंड एडोलसेंट्स इन दिल्ली' में इन मुद्दों को विस्तृत रूप से उठाया गया है. इस रिपोर्ट में दिल्ली के चार समुदायों में काम करने वाली घरेलू कामगार महिलाओं और किशोरों की हालत का पता लगाया गया है.
स्वास्थ्य पर प्रभाव:दिल्ली में काम करने वाली घरेलू कामगार रेनू, जो 10 साल की उम्र से इस क्षेत्र में हैं, बताती हैं कि उनका शरीर बीमारियों के लिए एक आश्रय स्थल बन गया है. गर्मी में तेज धूप में चलना उनके लिए मुश्किल हो जाता है, जिससे उन्हें चक्कर आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. रेनू की जैसे ही कई महिलाएं रोज़ अपने स्वास्थ्य की अनदेखी कर काम करने को मजबूर हैं.
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