भिवानी: हरियाणा प्रदेश में लंबे समय से एससी आरक्षण में वर्गीकरण की मांग थी. अनुसूचित जाति के वंचित वर्ग (डीएससी) ने सड़कों पर उतरकर अनुसूचित जाति के कुल 20 प्रतिशत आरक्षण में से 10 प्रतिशत आरक्षण स्वयं के लिए किए जाने की मांग रखी थी, जिसे आज हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा कर इसे लागू कर दिया. अपने कार्यकाल के पहले ही दिन मुख्यमंत्री ने वंचित वर्ग से संबंधित 36 जातियों के समूह को 10 प्रतिशत अलग से कोटा दिए जाने का निर्णय लिया है. इसको लेकर भिवानी में डीएससी समाज के लोगों ने लड्डू बांटकर खुशी जताई और मुख्यमंत्री का धन्यवाद जताते हुए इसे अनुसूचित जाति के वंचित वर्ग को सीधा लाभ पहुंचने की बात कही.
"अब तक सिर्फ उच्च शिक्षा में लागू था क्रिमीलेयर" : भिवानी के डीएससी समाज के नेता भगवादास कालिया, पवन वाल्मिकी व दीपक सोलंकी ने भिवानी के बावड़ी गेट क्षेत्र में डीएससी वर्ग को अलग से 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की खुशी मनाते हुए लड्डू बांटे. उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि हरियाणा प्रदेश में अनुसूचित जाति को कुल 20 प्रतिशत आरक्षण था, लेकिन इसका अधिकतर लाभ अनुसूचित जाति वर्ग-बी के लोग उठाते रहे हैं. अनुसूचित वर्ग ए में शामिल वाल्मीकि, धानक, खटीक, बाजीगर, ओड, डूम, जुलाहा, सिकलीगर, साहसी सहित 36 जातियों के समूह को अब तक सिर्फ उच्च शिक्षा में ही अलग से 10 प्रतिशत आरक्षण मिलता था. अब मुख्यमंत्री ने अपनी घोषणा अनुसार सरकारी नौकरी में भी इसे लागू कर दिया है. इससे लंबे समय से वंचित यह वर्ग सरकारी नौकरियों में जाकर अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठा पाएगा.