जौनपुर: जौनपुर के अटाला मस्जिद को अटाला माता मंदिर बताने का दावा किया गया है. इसके लिए पुरातत्व विभाग के निदेशक की रिपोर्ट और कई पुस्तकों का हवाला दिया गया. दावे में कहा गया है कि, अटाला मस्जिद के चित्र में त्रिशूल, फूल आदि के चित्र मौजूद हैं. कोर्ट ने पेश दावे को दर्ज कर लिया है और सुनवाई की तारीख भी दे दी है.
दरअसल, सिविल जज सीनिअर डिवीजन कोर्ट में अटाला मजिस्द को अटाला माता मंदिर बताते हुए आगरा के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, प्रबंधन कमेटी अटाला मस्जिद के खिलाफ दावा पेश किया गया. कोर्ट ने दावा बतौर मिसलेनियस केस दर्ज किया और दावों की सत्यापन पर सुनवाई के लिए 22 मई की तारिख को तय किया है.
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि, अटाला मस्जिद मूल रूप से अटाला माता मंदिर है. ऐतिहासिक स्रोतों के मुताबिक अटाला माता मंदिर का निर्माण कन्नौज के राजा जयचंद्र राठौर ने करवाया था. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के प्रथम निदेशक ने अपनी रिपोर्ट लिखा है कि, अटाला माता मंदिर को तोड़ने का आदेश फिरोज शाह ने दिया था. लेकिन विरोध के कारण मंदिर को तोड़ नहीं पाया. जिसपर बाद में इब्राहिम शाह अतिक्रमण कर मंदिर का उपयोग मस्जिद के रूप में करने लगा.