कोडरमा: एक तरफ कोडरमा में नए चौकीदारों की बहाली को लेकर शारीरिक प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है. दूसरी तरफ वेतन नहीं मिलने से समाहरणालय में पदस्थापित एक चौकीदार ने आत्महत्या कर ली है. इस आत्महत्या के बाद पूरे सिस्टम को सवाल के घेरे में ला दिया है कि एक तरफ नौजवान अपनी भविष्य को सवांरने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. वहीं जिस पद के लिए बहाली हो रही है उस पद पर मौजूद वेतन न मिलने से खुदकुशी कर ली.
कोडरमा जिले के सामान्य शाखा में तैनात चौकीदार सुरेंद्र पासवान 3 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण आर्थिक अभाव में आत्महत्या कर ली. शुक्रवार ड्यूटी के दौरान ही सुरेंद्र पासवान ने अपनी जान दे दी. परिजनों और सहकर्मियों के मुताबिक सुरेंद्र पासवान वेतन के भुगतान के लिए लगातार विभाग का चक्कर काट रहे थे. अधिकारियों से अपने काम के एवज में भुगतान करने की फरियाद भी लगा रहे थे. लेकिन जब उसकी किसी ने न सुनी तो उसने मौत को गले लगाना उचित समझा. सुरेंद्र पासवान के साथी चौकीदार ने बताया कि मौत से पहले सुरेंद्र पासवान उसके साथ डीसी से लेकर अन्य अधिकारियों से वेतन भुगतान की गुजारिश की थी और वहां से लौटने के बाद अचानक सुरेंद्र पासवान द्वारा आत्महत्या करने की सूचना मिली.
वहीं दूसरी तरफ इस मामले को लेकर अन्य कर्मी और स्थानीय लोग आक्रोशित हैं और आंदोलन करने की बात कह रहे हैं. उन लोगों ने इस मामले में दोषी अधिकारी पर हत्या का मामला दर्ज कर आश्रित को नौकरी और 20 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की हैं. डीसी मेघा भारद्वाज ने कहा कि वेतन भुगतान की मांग को लेकर सुरेंद्र पासवान तनाव में था, इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी और न ही उन्हें किसी ने यह बात कही थी. चौकीदारों के वेतन भुगतान के लिए 23 को फंड आया था और 25 को रिलीज भी कर दिया गया था. लेकिन प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है. उन्होंने इस मामले को लेकर टीम गठित कर जांच की बात कही है.