नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन के मद्देनजर दिल्ली में चाइनीज मांझा की बिक्री के खिलाफ पुलिस ने एक्शन लिया है. 'चाइनीज मांझा' बेचने के आरोप में पिछले एक महीने में यहां 79 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस खतरनाक मांझे की वजह से दिल्ली में कई लोग जख्मी हो चुके हैं, वहीं कई लोगों की जान भी जा चुकी है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 78 एफआईआर दर्ज की है. सीनियर पुलिस अधिकारियों की ओर से चाइनीज मांझा बेचने वालों पर FIR दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने के सख्त निर्देश हैं.
दरअसल, 15 अगस्त और रक्षाबंधन के त्योहार पर लोग जमकर पतंगबाजी करते हैं. इच्छा रहती है कि उनकी पतंग ना कटे. इसके चलते लोग आसमान में ऊंची पतंग उड़ाने के लिए चाइनीज मांझे का इस्तेमाल करते हैं, जिस पर दिल्ली में पूरी तरह से प्रतिबंध है. चाइनीज मांझा पर प्रतिबंध के बाद अब पतंगबाज शीशे या केमिकल से युक्त देसी मांझे का इस्तेमाल करने लगे हैं, यह भी चीनी मांझा की तरह ही खतरनाक होता है. इस पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए पुलिस टीम इलाकों में छापेमारी कर रही हैं.
क्या है चाइनीज मांझा, क्यों है खतरनाक:चाइनीज मांझा पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ग्लास-लेपित सिंथेटिक धागा है. चाइनीज मांझा नायलॉन, शीशा समेत कई केमिकल से बनाया जाता है. यह टूटता नहीं और जितना कसता जाता है उतना ही धारधार होता जाता है. जब कोई पतंग कटती है या गिरती है तो दोपहिया सवार, राहगीर या पशु-पक्षी इसकी चपेट में आ जाते हैं. अब तक इसके चपेट में आने से कई लोग घायल हुए हैं या फिर उनकी मौत हो गयी है.
चाइनीज मांझे से 2019 से 2023 तक 9 मौतें:चाइनीज मांझे की चपेट में आने से अगस्त 2019 से जुलाई 2023 के बीच राजधानी में 9 मौतें हुई थीं. दिल्ली में चीनी मांझे पर 2017 में प्रतिबंध लगाया गया था. वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी अपने अलग-अलग आदेशों में कहा था कि पतंगबाज केवल सूत से बने मांझे को ही इस्तेमाल करें. दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को चाइनीज मांझे की बिक्री रोकने के निर्देश दिए हैं.
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