नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में कुछ बच्चों को फेल करने की शिकायतें आ रही हैं. जिन स्कूलों ने इन्हें फेल किया है वह स्कूल अब बच्चों से सरकारी स्कूल में दाखिला लेने या ओपन से पढ़ाई करने के लिए कह रहे हैं. इसको लेकर सामाजिक संस्था सोशल जरिस्ट के संयोजक एवं दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉक्टर अशोक कुमार अग्रवाल के पास कई शिकायतें आई हैं.
इन शिकायतों को लेकर अशोक अग्रवाल का कहना है कि कोई भी सरकारी या प्राइवेट स्कूल किसी भी फेल हुए बच्चे को दोबारा उसी कक्षा में अपने स्कूल में दाखिला देने से इनकार नहीं कर सकता है. अगर वह ऐसा करता है तो यह दिल्ली एजुकेशन एक्ट 1973 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का उल्लंघन है. उल्लंघन करने पर स्कूल के खिलाफ शिक्षा निदेशालय द्वारा कार्रवाई भी हो सकती है. साथ ही बच्चों के अभिभावकों को कोर्ट जाने का भी अधिकार है.
डॉ. अशोक अग्रवाल ने बताया कि चार साल पहले दिल्ली सरकार ने एक सर्कुलर निकला था, जिसमें यह कहा गया था कि दिल्ली के सरकारी स्कूल में कोई भी बच्चा अगर लगातार 2 साल फेल हो जाता है तो उसको फिर रेगुलर उस कक्षा में दाखिला नहीं दिया जाएगा. वह बच्चा आगे की पढ़ाई ओपन स्कूल से कर सकता है.
अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली सरकार के सर्कुलर को हमने हाईकोर्ट में चार साल पहले स्टे करा दिया था. इससे अब दिल्ली सरकार का वह आदेश जिसमें दो बार फेल होने के बाद स्कूल से बाहर करने की बात कही गई थी, स्टे होने से लागू नहीं है. इसलिए अब कोई बच्चा दो बार से ज्यादा भी अगर फेल हो रहा है तो भी स्कूल उसको स्कूल छोड़ने के लिए नहीं कह सकते. स्कूल को रेगुलर रूप से ही बच्चे को पढ़ाना होगा.