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नदियों के पुनर्जीवीकरण पर नहीं मिला एक्शन प्लान, नाराज हुई मुख्य सचिव, जिलाधिकारीयों को दी हफ्ते भर की डेडलाइन - Uttarakhand rivers Revitalization - UTTARAKHAND RIVERS REVITALIZATION

Chief Secretary Radha Raturi, Uttarakhand rivers Revitalization उत्तराखंड में नदियों, जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण की योजना को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी एक्शन में दिखाई दी. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को एक पूर्ण कालिक समर्पित जलागम नोडल अधिकारी तैनात करने के निर्देश दिये. इसके साथ ही उन्होंने 3 दिन के भीतर जिला स्तरीय स्प्रिंग एंड रिवर रेजुवेनाशन अथॉरिटी की बैठक करने के निर्देश भी दिये हैं.

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नदियों के पुनर्जीवीकरण पर नहीं मिला एक्शन प्लान

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 1, 2024, 9:50 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में जल स्रोत, धाराओं और नदियों के पुनर्जीवन के लिए जिला स्तर पर एक्शन प्लान तैयार नहीं होने से मुख्य सचिव ने नाराज दिखाई दी. सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में जल संरक्षण को बैठक हुई. इस दौरान राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारीयों को एक सप्ताह की डेडलाइन देते हुए एक्शन प्लान भेजने के लिए कहा है. साथ ही तत्काल जलागम नोडल अधिकारी तैनात करने के भी निर्देश दिए हैं.

उत्तराखंड में जल स्रोतों, धाराओं और नदियों के पुनरजीवीकरण के संबंध में जिला स्तर पर एक्शन प्लान ना भेजे जाने से मुख्य सचिव राधा रतूड़ी बेहद नाराज दिखाई दी हैं. राधा रतूड़ी ने इसको लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए जिलाधिकारियों को एक हफ्ते की डेडलाइन दी है. दरअसल, सचिवालय में आज मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में जल संरक्षण को लेकर बैठक आहूत की. जिसमें मुख्य सचिव ने एक्शन प्लान को लेकर जब जानकारी ली, तो पता चला कि जिला स्तर पर एक्शन प्लान प्राप्त ही नहीं हुए हैं. उसके बाद मुख्य सचिव में जिलाधिकारियों को एक पूर्ण कालिक समर्पित जलागम नोडल अधिकारी तैनात करने के भी निर्देश दिए हैं. सभी जिलों के जिलाधिकारी को फौरन 3 दिन के भीतर जिला स्तरीय स्प्रिंग एंड रिवर रेजुवेनाशन अथॉरिटी की बैठक लेने के भी निर्देश दिए गए हैं.

मुख्य सचिव ने अपर मुख्य सचिव वित्त को भी निर्देश दिए की विभिन्न माध्यमों से नदियों और जल स्रोतों के पुनर्जीवी कारण के लिए फंडिंग यूटिलाइजेशन के संबंध में बैठक करने के लिए पत्र जारी किया जाए. उत्तराखंड में जल संरक्षण के संबंध में हुई बैठक के दौरान जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत हर ब्लॉक में 10 क्रिटिकल सूख रहे स्प्रिंग और जिले में 20 क्रिटिकल सूख रहे जलधाराओं और नदियों को चिन्हीकरण के लिए भी निर्देशित किया गया है.

मुख्य सचिव ने हर जिले में दीर्घ अवधि की योजना के तहत एक नदी के पुनर्जीवीकरण की योजना बनाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा मुख्य सचिव ने बैठक के दौरान अधिकारियों को जरूरी सुझाव भी दिए. राज्य में पेयजल विभाग और जल संस्थान द्वारा 145 क्रिटिकल जल स्रोत उपचार के लिए चिन्हित किए गए हैं. मुख्य सचिव ने सुझाव देते हुए यह भी कहा कि अमूमन पर्वतीय ग्रामों में दो से तीन जल स्रोत उपलब्ध होते हैं, इन जल स्रोतों के पुनरोद्धार को लक्षित करते हुए कंटूर ट्रेंचेंज, रिचार्ज पिट्स निर्मित किया जा सकते हैं. मैदानी ग्रामों में कच्ची तलब चेक डैम के जरिए भूजल रिचार्ज किया जा सकता है.

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