शिमला: हिमाचल को मानसून सीजन में इस साल भी करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ है. प्रदेश को इस साल लैंडस्लाइड की 46, बादल फटने की 12 और बाढ़ जैसी 39 घटनाओं का सामना करना पड़ा है. जिससे प्रदेश को 1613 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है. ये जानकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा ने शिमला में अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) के साथ एक डीब्रीफिंग बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी. ये टीम मानसून के दौरान प्रदेश में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए राज्य के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंची थी.
केंद्र को सौंपा नुकसान का ज्ञापन
मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा ने कहा, "राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान पर केंद्र सरकार को एक व्यापक ज्ञापन सौंपा है. जिसमें बताया गया है कि प्रदेश में अनुमानित नुकसान लगभग 1,613.50 करोड़ रुपए का हुआ है. मानसून सीजन में राज्य को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. इस दौरान लैंडस्लाइड, बादल फटने और बाढ़ से सड़कें, सिंचाई योजनाएं और आवासीय क्षेत्र व्यापक स्तर पर प्रभावित हुए हैं. राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में लैंडस्लाइड की 46, बादल फटने की 12 और 39 बाढ़ जैसी घटनाओं का सामना किया, जिससे जान-माल को बहुत नुकसान हुआ."
आपदा में सैकड़ों लोगों की मौत, 31 लापता
ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि मानसून सीजन में 174 लोगों की जान गई है. वहीं, 144 लोगों ने बारिश के कारण अपनी जान गंवाई है. इसके अलावा करीब 206 लोग घायल हुए हैं. 31 लोग लापता हुए हैं और 222 पशुधन हताहत हुए हैं. इस दौरान 1405 घरों और पशु आश्रय भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. प्रदेश सरकार की ओर से तत्काल क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों की बहाली के लिए अनुमानित 621.77 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
जल शक्ति विभाग को 540.88 करोड़ का नुकसान