मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

'छिंदवाड़ा में झांकने भी नहीं जा रहे प्रभारी मंत्री', कमलनाथ का गढ़ ढहाने दिग्गजों ने जमाया था डेरा - BJP NO ATTENTION IN CHHINDWARA

मध्य प्रदेश में जिस गढ़ में सेंध लगाने के लिए बीजेपी ने एड़ी चोटी तक जोर लगाया. आरोप है कि जीत मिलने के बाद वहां सरकार का कोई ध्यान नहीं है.

BJP NO ATTENTION IN CHHINDWARA
कमलनाथ का गढ़ ढहाने दिग्गजों ने जमाया था डेरा, छिंदवाड़ा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 21, 2025, 3:42 PM IST

Updated : Feb 21, 2025, 4:11 PM IST

छिन्दवाड़ा(महेंद्र राय): जब तक छिंदवाड़ा में कमलनाथ और कांग्रेस का दबदबा रहा तो कमलनाथ की सत्ता ढ़हाने के लिए बीजेपी ने जी तोड़ मेहनत की थी. अमित शाह से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को छिंदवाड़ा में कमल खिलाने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन जैसे ही बीजेपी ने छिंदवाड़ा को अपने कब्जे में किया. उसके बाद से बड़े नेता तो दूर प्रभारी मंत्री भी छिंदवाड़ा में आना पसंद नहीं कर रहे हैं.

छिंदवाड़ा में 1 पांढुर्णा में 2 बार आए प्रभारी मंत्री

प्रभारी मंत्री राकेश सिंह का 19 फरवरी को छिंदवाड़ा में जिला योजना समिति की बैठक लेने वाले थे. जिला योजना समिति की बैठक दूसरी बार टाली गई है. इससे पहले 21 नवंबर को प्रभारी मंत्री यहां पहुंचे जरूर थे, लेकिन जिला योजना समिति की बैठक टाल दी गई थी. अगस्त 2024 में मंत्रियों को जिलों का प्रभार मिलने के बाद यानी करीब 6 महीने में मंत्री राकेश सिंह सिर्फ एक बार छिंदवाड़ा आए हैं. ऐसी ही स्थिति पांढुर्णा जिले की है. यहां प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सिर्फ दो बार पहुंचे.

सरकार बनने के बाद करीब 9 माह के इंतजार के बाद जिलों को प्रभारी मंत्री मिले थे. करीब 3 माह बाद छिंदवाड़ा के प्रभारी मंत्री राकेश सिंह 21 नवंबर को छिंदवाड़ा पहुंचे थे. उसके बाद 3 से 4 बार उनके आने की सूचना आई, लेकिन हर बार कार्यक्रम टलता रहा. 19 फरवरी का घोषित कार्यक्रम भी टल गया. पांढुर्णा जिले में भी प्रभारी मंत्री का इंतजार है. प्रभार मिलने के बाद मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर दो बार पांढुर्णा पहुंचे हैं.

छिंदवाड़ा योजना समिति की बैठक (ETV Bharat)

एक बार उन्होंने आधी रात को सौंसर के सिविल अस्पताल का निरीक्षण किया और बैठक ली. दूसरी दफा वे संगठन की बैठक में शामिल होने पहुंचे. छह माह में कुल दो बार प्रभारी मंत्री ने पांढुर्णा में दस्तक दी.

चुनाव के पहले बीजेपी के दिग्गजों ने डाला था डेरा

बीजेपी ने कमलनाथ को घेरने के लिए केंद्रीय मंत्रियों को जिम्मेदारी दी थी. इनमें खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मॉनिटरिंग में वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह, एल मुरुगन, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, कविता पाटीदार, केंद्रीय मंत्री भानुप्रताप वर्मा, फग्गन सिंह कुलस्ते, स्मृति ईरानी के अलावा रविशंकर प्रसाद और कई नेताओं का डेरा था. इसमें बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री दिवंगत सुशील कुमार मोदी को तो छिंदवाड़ा का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था.

जिलों में क्यों प्रभारी मंत्री की जरूरत

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक मनीष तिवारीने बताया कि "प्रभारी मंत्री जिले में शासन की योजनाओं की मॉनिटरिंग करते हैं. विभागों में चल रही योजनाओं की समीक्षा करते हैं, जरूरत के अनुसार निर्देश देते हैं. कृषि, स्वास्थ्य, लोक निर्माण सहित अन्य विभागों योजनाओं की स्वीकृति के लिए प्रभारी मंत्री की अनुशंसा व अनुमोदन की आवश्यकता होती है. जिला स्तर पर तबादलों में प्रभारी मंत्री का अनुमोदन आवश्यक होता है, ताकि अधिकारी मनमानी न कर सकें. जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय बन सके. पार्टी संगठन और सत्ता के बीच की कड़ी की भूमिका भी प्रभारी मंत्री को निभानी होती है. संगठन के लोगों से फीडबैक लेकर जिले में व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए प्रभारी मंत्री का दौरा जरूरी है.

जिले में बड़ी परियोजनाओं पर ध्यान देने की जरूरत

  1. छिंदवाड़ा-पांढुर्णा जिले में बड़ी सिंचाई परियोजना का निर्माण हो रहा है. परियोजना के निर्माण की गति अभी धीमी है.
  2. 5 साल से यूनिवर्सिटी का संचालन लाइब्रेरी के भवन में हो रहा है. यूनिवर्सिटी भवन के लिए अब तक प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी है.
  3. हार्टिकल्चर कॉलेज का संचालन अभी कृषि अनुसंधान केंद्र में संचालित किया जा रहा है. कॉलेज बिल्डिंग के निर्माण की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में है.
  4. हवाई सेवा से छिंदवाड़ा अछूता है. यहां टिकाड़ी में नई हवाई पट्टी के लिए जमीन चिन्हित की गई थी. डीपीआर बनाने बजट में प्रावधान किया, लेकिन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी.
  5. पांढुर्णा को जिला घोषित हुए सवा साल से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है. यहां जिले के अनुसार अधोसंरचना का विकास नहीं हो सका है.

'छिंदवाड़ा को साइड लाइन कर रखा'

कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे का कहना है "जब तक छिंदवाड़ा में नकुलनाथ सांसद थे तो पहले भाजपा के मंत्रियों का खूब आना जाना रहा. इसके बाद उन्होंने झांक कर नहीं देखा. छिंदवाड़ा जिले की जनता खुद को ठगा सा महसूस कर रही है. प्रभारी मंत्री को छिंदवाड़ा से कोई लेना देना नहीं है. भाजपा सरकार ने ही छिंदवाड़ा को साइड लाइन कर रखा है, तभी तो उनके प्रभारी मंत्री यहां रूचि नहीं दिखा रहे हैं. अब तक 3 से 4 बार ऐसा हो चुका है. जब उनका आगमन कैंसल हो रहा है. छिंदवाड़ा जिले की लगातार उपेक्षा हो रही है."

'जनता के काम कर रहे जनप्रतिनिधि'

बीजेपी की जिला अध्यक्ष शेषनाग यादव का कहना है छिंदवाड़ा में बीजेपी का सांसद और अमरवाड़ा में विधायक बनने के बाद जनता के सभी काम आसानी से हो रहे हैं. सभी सरकारी योजनाओं का सुचारू ढंग से संचालन किया जा रहा है. समय-समय पर प्रभारी मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक छिंदवाड़ा की समीक्षा अपने स्तर से करते हैं. जरूरी नहीं है कि कोई भी मंत्री शहर में आएगा तब ही काम होंगे.

Last Updated : Feb 21, 2025, 4:11 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details