छिंदवाड़ा।इसी माह 01 अप्रैल को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले छिंदवाड़ा के महापौर विक्रम अहके का अचानक हृदय परिवर्तन हो गया. छिंदवाड़ा में वोटिंग के दिन उन्होंने एक वीडियो जारी कर कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ को जिताने की अपील की. वीडियो में महापौर विक्रम अहके ने कहा "मैं जब से भाजपा में गया हूं घुटन महसूस कर रहा था. अब मैं उस नेता को नहीं छोड़ सकता जिन्होंने छिंदवाड़ा का विकास किया और मुझे महापौर बनाया."
बीजेपी ने कमलनाथ सर्मथकों को कैसे तोड़ा
गौरतलब है कि छिंदवाड़ा लोकसभा सीट जीतने के अभियान में बीजेपी ने कमलनाथ के कई करीबियों को तीन सप्ताह पहले ही पार्टी में शामिल कराया था. इसी क्रम में छिंदवाड़ा के महापौर विक्रम अहके ने भी भोपाल आकर बीजेपी के मुख्यालय पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव व प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थाम लिया था. इसके साथ ही 7 पार्षदों को भी बीजेपी में शामिल कर लिया था. इससे 3 दिन पहले छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह ने भी बीजेपी का दाम थाम लिया था. वहीं, कमलनाथ के सबसे करीबी पूर्व विधायक दीपक सक्सेना व उनके पुत्र ने भी बीजेपी में ही अपना भविष्य तलाशा.
छिंदवाड़ा महापौर ने मतदान के दिन लिया यू टर्न
महापौर विक्रम अहके ने अचानक यू टर्न क्यों लिया. इसको लेकर सियासत में कई प्रकार की बातें होने लगी हैं. क्या विक्रम अहके ने किसी लालच में ये कदन उठाया या फिर कमलनाथ की कमजोर होती स्थिति को देखकर उनका साथ छोड़ा. कमलनाथ का साथ छोड़ने के 18 दिन बाद ही ऐसा क्या हो गया कि विक्रम अहके के अपने किए पर पश्चाताप हो रहा है. छिंदवाड़ा में लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल हो रही है. इसी दिन महापौर विक्रम अहके ने सुबह करीब 10 बजे एक वीडियो जारी कर कमलनाथ के प्रति वफादारी प्रदर्शित की.
वीडियो जारी कर महापौर विक्रम अहके ने किया पश्चाताप
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर मतदान के दौरान महपौर विक्रम अहके ने वीडियो जारी कर कहा"कुछ दिन पहले मैंने एक राजनीतिक दल को ज्वाइन किया था लेकिन उसी दिन से मुझे घुटन हो रही थी. जिस कमलनाथ ने छिंदवाड़ा का विकास किया. हर व्यक्ति के सुख-दुख में शामिल रहे, मैं उनके साथ गलत कर रहा हूं. मेरे मन ने मेरा साथ नहीं दिया. इसलिए मैं वापस कमलनाथ के साथ जा रहा हूं. कांग्रेस के लिए काम करूंगा. नकुलनाथ को वोट देकर दिताएं. मेरे साथ कुछ भी हो सकता है. राजनीति के कई अवसर आएंगे. भविष्य में मेरे साथ कुछ भी हो सकता है लेकिन जिस व्यक्ति ने मेरे भविष्य को संभाला, उसे मैं नहीं छोड़ सकता."