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28 साल बाद छिंदवाड़ा में जन्मदिन मना रहे कमलनाथ, बर्थडे के मौके पर बनेगी कमबैक की प्लानिंग!

आखिरी बार कमलनाथ ने 1996 में छिंदवाड़ा में मनाया था जन्मदिन, कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर

CHHINDWARA KAMAL NATH BIRTHDAY
छिंदवाड़ा में धांसू रणनीति बना रहे हैं कमलनाथ (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 5 hours ago

Updated : 4 hours ago

छिंदवाड़ा: 44 साल तक छिंदवाड़ा की राजनीति के अजेय योद्धा रहे कमलनाथ को उनके बेटे के रूप में लोकसभा चुनाव 2024 में शिकस्त मिली. अब एक बार फिर कमलनाथ 28 साल बाद छिंदवाड़ा में अपना जन्मदिन मना रहे हैं. कमलनाथ के इस फैसले से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खुशी देखी जा रही है. कमलनाथ ने इसके पहले साल 1996 में यहां जन्मदिन मनाया था. राजनीतिक जानकार इसे बड़ी तैयारी बता रहे हैं.

78 साल के हुए कमलनाथ

78 साल की उम्र पार कर चुके कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की राजनीतिक कर्मभूमि छिंदवाड़ा है. 18 नवंबर को हर साल छिंदवाड़ा में उनका जन्मदिन कांग्रेस कार्यकर्ता तो मनाते हैं, लेकिन 28 साल बाद यह मौका है कि खुद कमलनाथ अपने जन्मदिन का जश्न छिंदवाड़ा में इस बार मना रहे हैं. कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विश्वनाथ ओकटे ने बताया, '' इसके पहले कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में अपना जन्मदिन 1996 में मनाया था.'' इस दौरान कमलनाथ कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग भी कर सकते हैं.

28 साल बाद छिंदवाड़ा में जन्मदिन मनाएंगे कमलनाथ (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

2023 विधानसभा चुनाव में किया था कब्जा

मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने 2023 का विधानसभा चुनाव कमलनाथ की अगुवाई में लड़ा. कांग्रेस ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया था, लेकिन बीजेपी और शिवराज सिंह चौहान की रणनीति की वजह से कांग्रेस को करारी हार मिली. इसके बाद भी छिंदवाड़ा की सातों विधानसभा सीट में कांग्रेस को जीत दिलाई. हार के बाद कांग्रेस ने मध्य प्रदेश संगठन में परिवर्तन किया और जीतू पटवारी को कांग्रेस का मुखिया बना दिया. फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ को टिकट देकर मैदान पर उतारा, लेकिन नकुल नाथ एक लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव हार गए.

बीजेपी में जाने की अटकलों ने किया कमजोर

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक मनीष तिवारी ने बताया, '' कांग्रेस के नेता और छिंदवाड़ा की जनता कमलनाथ पर बहुत विश्वास करती थी, लेकिन विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ के बीजेपी में जाने की मीडिया में खबरें चलने लगी थी. इसके बाद कमलनाथ ने कुछ दिनों तक सीधे अपना पक्ष नहीं रखा, जिसको लेकर कार्यकर्ताओं में भी काफी संशय था और यही कमलनाथ के राजनीतिक करियर का घाटे वाला सौदा साबित हुआ है. क्योंकि इसी की वजह से उनके राजनीतिक जीवन पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया था. हालांकि, बाद में उन्होंने इसे लेकर अपनी सफाई भी दी थी.''

लोकसभा चुनाव के दौरान करीबियों ने भी छोड़ा था साथ

2024 के लोकसभा चुनाव में कमलनाथ को शुरुआती दौर से ही झटके लगना शुरू हो गए थे. चुनाव के दौरान ही कमलनाथ के सबसे नजदीकी पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना भाजपा में शामिल हो गए. इसके बाद छिंदवाड़ा महापौर सहित अमरवाड़ा से विधायक कमलेश प्रताप शाह और हजारों की संख्या में कांग्रेस के नेताओं ने कमलनाथ का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था. कमलनाथ का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हुए कई नेताओं का कहना था कि कमलनाथ तक तो ठीक था, लेकिन उनके बेटे नकुलनाथ को छिंदवाड़ा की राजनीति में पचा पाना हमारे लिए मुश्किल हो रहा था.

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