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जवान रखेगा ये जंगली अदरक, पिएं इसकी एक कप चाय और देखें जादुई ताकत - Wild ginger Benefits - WILD GINGER BENEFITS

हर कोई चाहता कि उसके लुक्स से उसकी उम्र का पता ना चले. लोग हमेशा जवान दिखना चाहते हैं और इसके लिए क्या-क्या नहीं करते लेकिन पातालकोट में एक ऐसा अदरक मिलता है जिसके सेवन से आपकी जवानी बरकरार रह सकती है. दावा किया जाता है कि इसके उपयोग से बुढ़ापा आपके चेहरे पर नजर नहीं आता. आइए जानते हैं कैसे...

Wild ginger Benefits
जंगली अदरक की चाय के हैं कई लाभ (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 27, 2024, 1:36 PM IST

Updated : May 27, 2024, 1:43 PM IST

छिन्दवाड़ा.हम बात कर रहें हैं पातालकोट में मिलने वाले जंगली अदरक की. यूं तोहर रसोई की जान अदरक होता है और इसे खाने से लेकर पेय पदार्थ और कई चीजों में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन जंगली अदरक उससे भी ताकतवर औषधि है.पातालकोट के जंगलों में पाए जाने वाले इस अदरक की एक कप चाय आपको हमेशा जाव रख सकती है. पातालकोट की जड़ी बूटियां पर रिसर्च करने वाले चौरई सरकारी कॉलेज के वनस्पति शास्त्र विशेषज्ञ डॉक्टर विकास शर्मा ने दावा किया कि ये जंगली अदरक देशी या कल्टीवेटेड किस्म से कई गुना आगे है.

जंगली अदरक के लाल फूल (ETV BHARAT)

पुरुषों के लिए बड़े काम की चीज

डॉक्टर विकास शर्मा कहते हैं, '' कुछ दिनों पहले तक मुझे खुद केवल इतना ही पता था कि यह चाय और दवा के लिए उपयोगी है. लेकिन पातालकोट की यात्रा में पता चला कि जंगली अदरक बीमारियों में तो काफी लाभदायक है ही, सबसे खास बात यह है कि यह मर्दाना शक्ति को भी बढ़ाती है. साथ ही इसके लेप लगाने से चेहरा हमेशा जवां नजर आता है.

देसी अदरक से ऐसे अलग है जंगली अदरक

जंगली अदरक देशी अदरक कि तरह ही दिखता है लेकिन इसके पौधे देसी अदरक की अपेक्षा बड़े होते हैं. इस अदरक के पौधे में चटख लाल रंग के फल लगते हैं, जिनमें सफेद गूदे के साथ काले बीज बहुत ही सुंदर दिखाई देते हैं. ये फल 2-3 महीने तक ताजा बने रहते हैं. खुशबू की बात करें तो इनमें देशी अदरक से कम खुशबू होती है, लेकिन इसके बीज में अधिक खुशबू होती है.

जंगली अदरक की चाय के हैं कई लाभ (ETV BHARAT)

हार्ट के लिए भी रामबाण है जंगली अदरक

जंगली अदरक का उपयोग चाय में डालकर किया जाना चाहिए. इसकी चाय बनाने के लिए कुछ भी अलग नहीं करना है, जिस तरीके से हम घरों में चाय बनाते हैं उसी तरह इसकी चाय बनाई जा सकती है. इस जंगली पौधे के बारे में कई शोध पत्र इसका गुणगान करते हैं. यह उत्तराखंड सहित हिमालय के कई हिस्सों में भी पाया जाता है. देसी अदरक की अगर मात्रा ज्यादा हो जाए तो कफ सूखने लगता है लेकिन जंगली अदरक में खास ये है कि इसे अधिक मात्रा में उपयोग करने पर ये कफ नहीं सूखते देता. इसलिए हृदय रोग में भी बेहद लाभकारी है.

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बीज और फूल भी हैं चमत्कारिक

जंगली अदरक के बीजों और कन्दों पर हुई फायटोकेमिकल स्टडी में बताया गया है कि इसमें 50 से भी अधिक महत्वपूर्ण रासायनिक पदार्थ पाए जाते हैं. इसमें मौजूद लीनानूल- सेडेटिव और एंटीऐंजायटी एजेंट है यानी चिंता और तनाव की बीमारी में यह बहुत फायदेमंद होता है. इसी तरह लिंडेरोल नामक रसायन में मिलेनिन वर्णक के निर्माण को कम करने का गुण पाया जाता है, जो गोरा बनाने वाली किसी क्रीम या दवा का हिस्सा हो सकता है. पाइनीन में बैक्टीरिसाइडल गुण होता है जिससे यह गले व स्वास संबंधी रोगों में कारगर है. इन सबके अलावा गामा टरपीन और कई एंटीऑक्सीडेंट्स की उपस्थिति के कारण यह कोशिकाओं की उम्र को बढ़ाने में सहायक है. दाद खाज खुजली व वात रोगों में भी यह खासा कारगर है.

Last Updated : May 27, 2024, 1:43 PM IST

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