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छत्तीसगढ़ महिला आयोग ने की जनसुनवाई, कई केसों को किया गया डिस्पोज - Chhattisgarh Women Commission

छत्तीसगढ़ महिला आयोग की जनसुनवाई सोमवार को हुई. इन दौरान कई मामलों में सुनवाई हुई. इस दौरान कई केसों को डिस्पोज किया गया.

Chhattisgarh Women Commission Public hearing
छत्तीसगढ़ महिला आयोग की जनसुनवाई (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 1, 2024, 9:04 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने सोमवार को राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की. आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक की अध्यक्षता में सोमवार को 252वीं सुनवाई हुई. रायपुर जिले में कुल 124 वीं जनसुनवाई हुई है.

इन मामलों में हुई सुनवाई:सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान एक केस में अनावेदिका को दिनांक 4 अप्रैल 2024 से नारी निकेतन रायपुर में आयोग की ओर से सुरक्षा के दृष्टिकोण से भेजी गई थी. उसके परिवार से अब तक किसी ने शपथ पत्र नहीं दिया था. अनावेदिका की मां ने शपथ पत्र दिया. उनको आश्वासन दिया गया कि अनावेदिका और उसका पति कोरबा के परिवार न्यायालय में आपसी सहमति से तलाक की प्रक्रिया प्रारंभ करेंगे. तलाक की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उभय पक्ष आपस में विवाह के सामान का आदान-प्रदान करेंगे. इस निर्देश के साथ प्रकरण खत्म किया गया. आयोग में प्रकरण पेश होते ही दोनों पक्षों के बीच विवाद खत्म हो चुका है.आवेदिका को 6 माह के मातृत्व अवकाश के वेतन का 1 लाख 85. 767 रू. अनावेदक की ओर से दिया जा चुका है. ऐसी स्थिति में प्रकरण का उद्देश्य पूर्ण हो चुका है. ऐसे में मामला डिस्पोज कर दिया गया.

दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद केस डिस्पोज किया गया: दूसरे केस में आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ शिकायत पेश किया था, लेकिन सुनवाई के दौरान अनावेदक ने यह बताया कि आवेदिका की ओर से अनावेदक के खिलाफ धारा 376, 506 का अपराध दर्ज कर दिया गया है, जिसमें अनावेदक 13 दिन जेल में रहा और जमानत पर रिहा हुआ. हालांकि प्रकरण न्यायालय में लंबित है. ऐसे में आयोग में सुना जाना औचित्यहीन होने से प्रकरण डिस्पोज कर दिया गया. एक अन्य केस में दोनों पक्षों को सुने जाने के दौरान यह पता चला कि अनावेदक के उपर सर्टिफिकेट कैंसल होने का केस माननीय उच्च न्यायालय में लंबित है. ऐसे में प्रकरण को आगे जारी रखना संभव नहीं है. इस स्तर पर आवेदिका ने कहा कि उसे 1 महिने का वेतन नहीं मिला है, जिसे अनावेदक ने देना स्वीकार किया और आवेदिका का सामान देने के बाद आयोग के समक्ष पेश करने के बाद केस डिस्पोज किया गया. वहीं, एक अन्य केस में भी दोनों पक्षों की काउंसिलिंग के बाद दोनों पक्ष तलाक के लिए सहमत हुए. अनावेदक ने बताया कि उन्होंने रायपुर कोर्ट में तलाक के लिए आवेदन लगा दिया है. प्रकरण न्यायालय में होने के कारण आयोग से प्रकरण डिस्पोज कर दिया.

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