रायपुर: नया रायपुर के तूता धरनास्थल पर 20 जुलाई को छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फैडरेशन अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश स्तर पर एक दिवसीय प्रदर्शन करेगी. छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फैडरेशन ने इसकी तैयारियां शुरु कर दी है. प्रदेश के शासकीय कार्यालय विभाग संस्था में काम करने वाले अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने, काम से निकाले गए कर्मचारियों की बहाली, न्यूनतम वेतन दिए जाने सहित ठेका और आउट सोर्सिंग के माध्यम से काम करने वाले कर्मचारियों को बहाल किये जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा.
सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों की बहार, पटवारी और अतिथि शिक्षकों के बाद अनियमित कर्मचारी काटेंगे बवाल - Employees Federation protest
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jul 9, 2024, 5:46 PM IST
|Updated : Jul 9, 2024, 7:40 PM IST
छत्तीसगढ़ में मॉनसून की बौछार अभी पूरी तरह से शुरु भी नहीं है और कर्मचारी संगठनों ने सरकार पर मांगों की बौछार कर दी है. पटवारी संघ और अतिथि शिक्षकों के बाद अब अनियमित कर्मचारी ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फैडरेशन ने अपनी 10 सूत्री मांग को लेकर 20 जुलाई से प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है.
अनियमित कर्मचारी संघ 20 से करेगा आंदोलन:छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फैडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल प्रसाद साहू ने बताया कि "विभाग कार्यालय और संस्था में काम करने वाले लोग पिछले 5 साल से लेकर 30 सालों से अनियमित कर्मचारी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उनको नियमित किया जाए और उन्हें न्यूनतम वेतनमान दिया जाए. पिछले साल प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकाल में भाजपा के कई नेता और पदाधिकारी उनको समर्थन देने पहुंचे. अब भाजपा की सरकार बने लगभग 6 महीने होने को है तो भाजपा सरकार अनियमित कर्मचारियों के लिए संवेदनशील नजर नहीं आ रही है. ऐसे में 20 जुलाई को एक दिवसीय प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा."
- कर्मचारियों की क्या हैं दस सूत्री मांगें
- दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रम आयुक्त दर, संविदा में काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जाए.
- जाबदार के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों को मासिक न्यूनतम वेतन दिया जाए.
- न्यूनतम वेतनमान पर काम करने वाले कर्मचारियों को निर्धारित न्यूनतम वेतन दिया जाए, नियमित करने के साथ ही उन्हें स्थाई किया जाए.
- पिछले साल निकाले गए और छटनी किए गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल किया जाए.
- अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालीन किया जाए.
- संस्था या कार्यालय में जहां पर कुछ महीने के लिए कर्मचारियों को रखा जाता है उन्हें वर्ष भर के लिए रखा जाए.
- आउट सोर्सिंग और प्लेसमेंट के माध्यम से काम करने वाले कर्मचारियों को विभागों में रखा जाए.
- ठेका समूह समिति के माध्यम से काम करने वाले कर्मचारियों को विभाग में समायोजित किया जाए.
- सेवा प्रदाता के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों को विभाग में समायोजित कर नियमित करने के साथ स्थाई किया जाए.
- धरना प्रदर्शन के दौरान अनियमित कर्मचारियों पर दर्ज किए गए मामलों को वापस लिया जाए.