रायपुर:ईओडब्ल्यू ने शराब घोटाला मामले में अरविंद सिंह और अनवर ढेबर को 4 अप्रैल को गिरफ्तार किया था. सोमवार को अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को और 4 दिनों के लिए ईओडब्ल्यू की रिमांड दी है. अबअनवर ढेबर और अरविंद सिंह को 12 अप्रैल को कोर्ट में पेश किया जाएगा. इससे पहले ईओडब्ल्यू को 8 अप्रैल तक की रिमांड मिली थी. सोमवार को फिर से कोर्ट में पेश करने पर ईओडब्ल्यू को चार दिनों की रिमांड फिर से मिल गई है. अब 12 अप्रैल को शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किए गए अनवर और अरविंद को कोर्ट में पेश किया जाएगा. बताया जा रहा है कि अब तक की पूछताछ में अरविंद और अनवर ने ईओडब्ल्यू को कोई खास जानकारी नहीं दी है.
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: अनवर ढेबर और अरविंद सिंह 12 अप्रैल तक रहेंगे ईओडब्ल्यू की रिमांड पर - Anwar Dhebar EOW remand
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में अनवर ढेबर और अरविंद सिंह 12 अप्रैल तक ईओडब्ल्यू की रिमांड पर रहेंगे. कथित शराब घोटाला केस में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अनिल टुटेजा और यश टुटेजा को बड़ी राहत दी है.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Apr 8, 2024, 10:40 PM IST
12 अप्रैल को फिर होगी पेशी:दरअसल, सोमवार को ईओडब्ल्यू ने अनवर और अरविंद को कोर्ट में पेश किया. इस दौरान एजेंसी के वकील ने 16 अप्रैल तक की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने 12 अप्रैल तक की रिमांड मंजूर की. लिहाजा अरविंद और अनवर को 12 अप्रैल को कोर्ट में पेश किया जाएगा. छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाला मामले में ईओडब्ल्यू ने अनवर और अरविंद को 4 अप्रैल गुरुवार को गिरफ्तार किया था और दोनों जमानत पर थे.
ईओडब्ल्यू को नहीं मिली खास जानकारी: मिली जानकारी के मुताबिक आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो यानी कि ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को रिमांड में लेने के बाद कई सवाल किए, लेकिन ईओडब्ल्यू के अधिकारियों को कोई खास जानकारी नहीं मिली. इन दोनों आरोपियों का एक ही जवाब होता था कि उन्हें जानकारी नहीं है. या फिर यह कहते थे कि प्रवर्तन निदेशालय को सब कुछ बता चुके हैं. चार दिनों की रिमांड खत्म होने के बाद दोनों को फिर से सोमवार को स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था. ईओडब्ल्यू ने शराब घोटाला मामले में कई आबकारी उपायुक्त और जिला अधिकारियों को पूछताछ के लिए भी बुलाया था. जानकारी के मुताबिक ईओडब्ल्यू ने अब तक 6 जिला अधिकारी और उपायुक्त के बयान भी ले चुकी हैं. इन सभी ने पिछली सरकार में सक्रिय सिंडिकेट के संबंध में जानकारी ली गई.