छत्तीसगढ़ की किसान वृक्ष मित्र योजना क्या है, पर्यावरण संरक्षण के लिए कितनी अहम, जानिए पूरी डिटेल्स - Kisan Vriksha Mitra Yojana - KISAN VRIKSHA MITRA YOJANA
पेड़ पौधों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है. पर्यावरण संरक्षण में भी यह अहम भूमिका निभाते हैं. पौधारोपण को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ में किसान वृक्ष मित्र योजना की शुरुआत की है. छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का नाम बदलकर किसान वृक्ष मित्र योजना भी कर दिया है. इसका मुख्य उद्देश्य किसानों की खाली पड़ी जमीनों पर पौधरोपण कर हरियाली लाना है ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ ही प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम किया जा सके.
कोरबा : छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने किसान वृक्ष मित्र योजना की जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपी है. ऊर्जाधानी कोरबा में प्रदूषण का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. औद्योगिकीकरण के चलते हरियाली खत्म हो रही है. ऐसे में पर्यावरण की सुरक्षा व संरक्षण को लेकर व्यापक स्तर पर हर साल पौधरोपण किया जाता है. इस बार भी वन विभाग ने किसानों की खाली पड़ी जमीनों पर पौधरोपण की कवायद शुरू कर दी है.
छत्तीसगढ़ की किसान वृक्ष मित्र योजना (ETV Bharat)
5 लाख से ज्यादा पौधे रोपने का है प्लान :जिले में किसान वृक्ष मित्र योजना के तहत 5 लाख 300 पौधे रोपने की तैयारी है. योजना के तहत पौधरोपण करने वनमंडल कार्यालयों को टारगेट दिया गया है. इस बार भी कोरबा व कटघोरा वनमंडल को किसान वृक्ष मित्र योजना के तहत लक्ष्य प्रदान किया गया है. कोरबा वनमंडल में 5 लाख 300 पौधे रोपने का लक्ष्य है. इस लक्ष्य को हासिल करने विभागीय अधिकारियों ने पहले ही कवायद शुरू कर दी थी.
बड़े भूखंड को ग्रीन जोन में बदलने की तैयारी : वन विभाग हर साल बड़े भूखंड को ग्रीन जोन में तब्दील करती है. वन विभाग के नर्सरी में महुआ, आंवला जैसे कई औषधिय पौधे तैयार किए गए हैं. बरसात में केवल कोरबा जिले में 5 लाख से ज्यादा पौधे रोपने का प्लान है, जिससे कि प्रदूषण को कम करने के साथ ही बायोडायवर्सिटी को ऑक्सीजन प्रदान किया जा सके.
आगामी तीन साल तक चलेगी प्रक्रिया : किसान वृक्ष मित्र योजना में प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान रखा गया है. किसानों को पौधरोपण के लिए तमाम तैयारियां करनी होगी. पौधे वन विभाग से निशुल्क मिलेंगे. पौधरोपण पूरा होने पर किसान के खाते में प्रति पौधे दस रूपए की दर से राशि जमा कराया जाएगा. यह प्रक्रिया अगले तीन साल तक चलेगी. खास बात यह है कि हर बार जीवित पौधों की संख्या के आधार पर कटौती उपरांत राशि प्रदान किया जाएगा. जितने अधिक पौधे जीवित बचेंगे, किसानों को उतना ही अधिक प्रोत्साहन राशि सरकार से मिलेगा.
37 हेक्टेयर चिन्हित, 740 किसानों ने दी सहमति : कोरबा वन मंडल में कुल 37 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है. इसमें किसान वृक्ष मित्र योजना के तहत 5 लाख 300 पौधे रोपने का प्लान है. अब तक की स्थिति में कोरबा वन मंडल के 6 रेंज के 740 किसानों ने अपनी सहमति दे दी है. कोरबा वन मंडल के अंतर्गत आने वाले कोरबा, करतला, कुदमुरा, पसरखेत, बालको व लेमरू रेंज में वन कर्मियों ने सर्वे का कार्य शुरू कर दिया था. किसानों को योजना के तहत पौधरोपण करने व इससे होने वाले फायदे से अवगत कराया गया. वन कर्मियों के लगातार प्रयास के बाद छह रेंज के 740 किसानों ने योजना के तहत पौधरोपण करने अपनी सहमति दे दी है.