किसानों के हित में छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, कृषि उपज मंडी अधिनियम में किया संशोधन - Agricultural Produce Market Act
किसानों के हित में साय सरकार ने बड़ा फैसला किया है. मंत्रिपरिषद की बैठक में ये तय किया गया कि किसानों को उनकी उपज का अधिकत मूल्य दिया जाए. इसके लिए छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया गया.
कृषि उपज मंडी अधिनियम में किया संशोधन (ETV Bharat)
रायपुर:महानदी भवन में मंत्रिपरिषद की आज अहम बैठक हुई. बैठक में किसानों से जुड़े मुद्दों पर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. फैसले के मुताबिक किसानों को उनकी उपज का अधिकतम मूल्य मिले इसकी कोशिश सरकार करेगी. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन किए जाने का निर्णय भी सरकार ने लिया. मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन मंत्रिपरिषद ने किया. मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रथम अनुपूरक अनुमान वर्ष 2024-2025 का विधानसभा में उप-स्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन भी किया गया.
कृषि उपज मंडी अधिनियम में किया संशोधन (ETV Bharat)
किसानों की होगी बल्ले बल्ले: छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन होने से अन्य प्रदेश के मंडी बोर्ड अथवा समिति के एकल पंजीयन,व्यापारी और प्रसंस्करणकर्ता भारत सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय कृषि बाजार के माध्यम से अधिसूचित कृषि उपज की खरीदी-बिक्री बिना पंजीयन के कर सकेंगे. इसका ये फायदा होगा कि इससे छत्तीसगढ़ राज्य के किसानों और विक्रेताओं को अधिकतम मूल्य मिलेगा.
‘‘मंडी फीस तथा कृषक कल्याण शुल्क‘‘: संशोधन प्रस्ताव के अनुसार मंडी फीस के स्थान पर अब ‘‘मंडी फीस तथा कृषक कल्याण शुल्क‘‘ शब्द जोड़ा जाना प्रस्तावित है. संशोधन प्रस्ताव के अनुसार कृषक कल्याणकारी गतिविधियों के लिए मंडी बोर्ड अपनी सकल वार्षिक आय की 10 फीसदी राशि छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण निधि में जमा करेगा. इस निधि का उपयोग नियमों में शामिल प्रयोजनों के लिए किया जा सकेगा. इससे किसानों को फायदा मिलेगा.
भूमि स्वामी को हक प्रदान करने का फैसला:छत्तीसगढ़ राज्य के नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के आबंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन और भूमि स्वामी को हक प्रदान करने के संबंध में मंत्रिपरिषद ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए इस संबंध में पूर्व में जारी निर्देश और परिपत्रों को निरस्त कर दिया है. मंत्रिपरिषद की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इन प्रपत्रों के अंतर्गत जारी आदेशों के तहत आबंटित भूमि की जानकारी राजस्व विभाग की वेबसाइट में प्रदर्शित की जाएगी और इस विषय में कोई भी आपत्ति और शिकायत प्राप्त होने पर संभागीय आयुक्त द्वारा इसकी सुनवाई की जाएगी.
माल और सेवा कर पर भी बड़ा फैसला:मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया. जीएसटी कॉउंसिल द्वारा इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर के संबंध में आगत कर प्रत्यय लिये जाने के प्रावधान को युक्तियुक्त बनाने का निर्णय लिया गया. पान मसाला, गुटखा इत्यादि के विनिर्माण में लगने वाले मशीनों के रजिस्ट्रीकरण के लिए अधिनियम में कुछ संशोधन का निर्णय लिया गया था. इस निर्णय के परिपेक्ष्य में केन्द्रीय माल और सेवा कर संशोधन अधिनियम 2024, 15 फरवरी 2024 अधिसूचित है. इस संबंध में छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर अधिनियम 2017 में भी संशोधन किया जाना प्रस्तावित है.