कहानी उस नेता की, जो सियासत के सूरमा बंसी लाल को हराकर बनी हरियाणा की पहली महिला लोक सभा सांसद - haryana first women mp Chandrawati - HARYANA FIRST WOMEN MP CHANDRAWATI
HARYANA FIRST WOMEN MP CHANDRAWATI: हरियाणा का चुनावी इतिहास कई तरह के किस्सों से भरा है. समय की करवट में कई दिग्गज धराशाई हो गए और मामूली लगने वाले नेता बुलंदियों पर पहुंच गये. ऐसा ही एक लोकसभा चुनाव हुआ 1977 में. आपातकाल के बाद होने वाले इस चुनाव में पहली बार हरियाणा को एक महिला लोक सभा सांसद मिली, जिसने उस समय के कांग्रेसी सूरमा को शिकस्त दी और पूरे देश में चर्चित हो गईं.
चंडीगढ़: ये बात है 1977 लोकसभा चुनाव की. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल खत्म करके चुनाव कराने का ऐलान किया. जेपी आंदोलन की आंधी और इमरजेंसी से नाराज जनता ने इस चुनाव में कांग्रेस की दुर्गति कर दी. हालत ये हुई कि कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को भी हार का समान करना पड़ा. खासकर उत्तर भारत के राज्यों से कांग्रेस का सफाया हो गया.
भिवानी सीट से हारे बंसीलाल- 1977 में हरियाणा की भिवानी लोक सभा क्षेत्र सबसे हॉट सीट बन गई. इसकी वजह थी इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बने पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल. आपात काल के बाद हो रहे इस चुनाव में सबकी नजरें इस सीट पर टिकी थी. 1977 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा कांग्रेस के धुरंधर नेता भी अपनी-अपनी सीटों से चुनाव हार गये. इनमें से एक उस समय के सबसे ताकतवर नेताओं में शामिल और इंदिरा गांधी सरकार में रक्षा मंत्री रहे बंसीलाल भी थे.
ताकतवर बंसी लाल के खिलाफ उतरीं चंद्रावती- 1977 में भिवानी लोकसभा सीट हुआ करती थी. इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे पूर्व मुख्यमंत्री और इंदिरा सरकार में रक्षा मंत्री रहे बंसीलाल. उनके खिलाफ जनता पार्टी की तरफ से भारतीय लोक दल के टिकट पर महिला उम्मीदवार चंद्रावती मैंदान में थी. बंसी लाल उस समय हरियाणा के सबसे ताकतवर नेताओं में थे. विपक्ष उन पर आरोप लगा रहा है कि आपातकाल में की गई कार्रवाई उन्हीं के इशारे पर हुई. इसलिए इस सीट के नतीजों पर पूरे देश की नजर थी.
हरियाणा की पहली महिला लोक सभा सांसद- 16 से 20 मार्च 1977 में हुए लोकसभा के इस चुनाव में भिवानी सीट पर चंद्रावती ने अपने पहले ही लोकसभा चुनाव में बंसीलाल को 1 लाख 61 हजार 242 वोट के अंतर से हरा दिया. चंद्रावती को 2 लाख 89 हजार 135 वोट मिले जबकि बंसीलाल को 1 लाख 27 हजार 893 मत हासिल हुए. नतीजा सामने आया तो चंद्रावती विजयी हुईं. इस जीत के साथ ही चंद्रावती हरियाणा की पहली महिला लोक सभा सांसद बन गईं. इस चुनाव में भारतीय लोक दल की उम्मीदवार चंद्रावती को 68 फीसदी वोट मिले.
बंसीलाल को हराकर चंद्रावती पूरे देश में चर्चित हो गईं.
हरियाणा की पहली महिला विधायक हैं-चंद्रावती हरियाणा की पहली महिला लोक सभा सांसद होने के साथ ही पहली महिला विधायक और हाईकोर्ट की पहली महिला अधिवक्ता भी रही हैं. बंसीलाल को हराने वाली चंद्रावती का राजनीति से पुराना नाता रहा है. वो संयुक्त पंजाब में 1954 और 1964 में हुए विधानसभा चुनाव में चरखी दादरी के बाढड़ा सीट से विधायक बनीं. इसके बाद 1966 और 1972 में भी विधानसभा का चुनाव जीतकर विधायक बनीं और सरकार में मंत्री रहीं.
हरियाणा की सभी सीट हारी कांग्रेस- 1977 के लोक सभा चुनाव में हरियाणा की सभी 10 लोक सभा सीटें कांग्रेस हार गई. सभी सीटों पर जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी भारतीय लोक दल के उम्मीदवार विजयी हुए. कई सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार की जमानत भी जब्त हो गई. हलांकि मुश्किल से 3 साल के अंदर जनता पार्टी सरकार गिर गई और 1980 में फिर से चुनाव की घोषणा हो गई. 1980 के लोकसभा चुनाव में भिवानी सीट से बंसीलाल फिर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और विजयी हुए. इस चुनाव में चंद्रावती तीसरे नंबर पर रहीं.
चंद्रावती का जन्म 3 सितंबर 1928 को हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव डालावास में हुआ. ये इलाका उस समय संयुक्त पंजाब का हिस्सा था. कांग्रेस के दिग्गज बंसी लाल को हराकर चंद्रावती पूरे देश में चर्चित हो गई थीं. हलांकि आपातकाल की नाराजगी के बावजूद बंसी लाल इस सीट से एक लाख 27 हजार से ज्यादा वोट हासिल करने में कामयाब रहे. नवंबर 2020 में चंद्रावती का निधन हो गया.
देवीलाल ने हथकड़ी पहनाकर बंसी लाल की परेड कराई-1977 में लोकसभा चुनाव के बाद ही विधानसभा के चुनाव हुए. विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल करते हुए 75 सींटें जीती. कांग्रेस को केवल 3 सीट मिली. इसके बाद देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री बने. कहा जाता है कि आपातकाल की कार्रवाई ने नाराज देवीलाल ने पहले से ठान लिया था कि वो बंसीलाल को हथकड़ी पहनाकर सड़क पर परेड करायेंगे. सीएम बनने के बाद उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले में बंसीलाल को गिरफ्तार कराया और हथकड़ी लगाकार खुली जीप में भिवानी की सड़कों से पुलिस उन्हें लेकर कोर्ट गई.