सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव अब 4 मार्च को होंगे चंडीगढ़: चंडीगढ़ निगम में चुनाव का पॉलिटिकल ड्रामा लगातार जारी है. चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद को लेकर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ मेयर घोषित कर दिया था. वहीं, कुलदीप कुमार टीटा आज (बुधवार 28 फरवरी को) चंडीगढ़ मेयर पद की शपथ लेंगे. दरअसल, कुलदीप कुमार 26 फरवरी को मेयर की कुर्सी पर बैठने वाले थे, लेकिन पारिवारिक कार्यों का हवाला देते हुए कुलदीप कुमार निगम में मौजूद नहीं रहे. इस बीच चंडीगढ़ प्रशासन ने सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर नई अधिसूचना जारी कर दी है.
4 मार्च को होंगे चुनाव :चंडीगढ़ प्रशासन ने जो नई अधिसूचना जारी की है, उसके मुताबिक अब सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव 4 मार्च को होंगे. इसके लिए नए सिरे से नामांकन दाखिल किया जाएगा. पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है. चुनाव की पूरी प्रक्रिया नए सिरे से होगी. उम्मीदवार नए सिरे से 28 और 29 फरवरी को नामांकन दाखिल कर सकेंगे. वहीं आम आदमीं पार्टी के कुलदीप कुमार 28 फरवरी को मेयर का पद संभालेंगे. पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने मेयर को भी निर्देश जारी किया है कि वे 28 फरवरी को सुबह 10 बजे कार्यभार संभाल लें.
हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन के प्रस्ताव को किया स्वीकार:इस मामले में अधिवक्ता राजीव शर्मा ने कहा "जो जिलाधिकारी ने मतदान के आदेश जारी किए थे वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों के मुताबिक नहीं थे. उसमें सिर्फ मतदान की तारीख का हवाला दिया गया था. हम चाहते थे कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूरे तरीके से लागू किया जाए और चुनाव नई प्रक्रिया से ही हो. हमने सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूरी तरह से लागू करने के संबंध में याचिका डाली थी, इसमें कोई राजनीति नहीं थी. कोर्ट ने हमारी बात को माना है और जो चुनाव है वह सिर्फ वोट डालने तक सीमित नहीं है उसकी एक पूरी प्रक्रिया होती है. नॉमिनेशन होता है नॉमिनेशन वापस लिए जाते हैं. उसी मुताबिक अब चंडीगढ़ डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर के चुनाव होंगे."
सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव अब 4 मार्च को होंगे इस मामले में चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से कोर्ट में पेश हुए चेतन मित्तल ने कहा "हमने कोर्ट को बताया था कि सुप्रीम कोर्ट ने सारी प्रक्रिया को निरस्त नहीं किया है. प्रशासन में जो आदेश निकाले थे वह इस प्रक्रिया के तहत निकले थे कि नॉमिनेशन हो चुके हैं और अब सिर्फ मतदान होना है. कोर्ट की प्रक्रिया में समय लग गया तो कोर्ट ने कहा कि अब आज चुनाव नहीं हो सकते उसके बाद प्रशासन में किसी भी विवाद से बचने के लिए सुझाव दिया कि वह चुनाव के लिए नई अधिसूचना जारी करेंगे. जिसके तहत नॉमिनेशन दाखिल करने की तारीख नॉमिनेशन विद्रोह करने की तारीख और मतदान की तारीख घोषित की गई.
इस मामले में कांग्रेस की तरफ से याचिकाकर्ता के अधिवक्ता करणवीर सिंह ने कहा कि प्रशासन ने अपना नया नोटिस कोर्ट में पेश किया जिसमें उन्होंने बताया कि 28 और 29 तारीख को नॉमिनेशन होंगे. 4 मार्च को मतदान होगा. उन्होंने कहा कि हमने नए सिरे से चुनाव कराने के लिए याचिका लगाई थी और उस पर हाईकोर्ट ने अपनी सहमति दे दी है.
HC में सुनवाई: इससे पहले चंडीगढ़ सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. चंडीगढ़ प्रशासन ने हाई कोर्ट में प्रस्ताव दिया जिसके मुताबिक चुनाव का नोटिफिकेशन, नामांकन और मतदान की पूरी प्रक्रिया नए सिरे से होगी.
"मेयर नहीं तो पार्षद क्यों बैठे" ? :चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष एच एस लक्की ने कहा है "जब नगर निगम में मेयर ही मौजूद नहीं है तो हमारे पार्षदों का वहां बैठने का कोई मतलब नहीं बनता. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए प्रोसिडिंग ऑफिसर कुलदीप कुमार अभी अपनी कुर्सी पर नहीं बैठे हैं. वहीं दूसरी ओर हमारे सभी पार्षद तैयार हैं." आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षद नगर निगम में नहीं पहुंचे. वहीं बीजेपी के सभी पार्षद और शहर की सांसद किरण खेर सुबह 10 बजे नगर निगम में पहुंच चुकी थीं.
BJP में शामिल AAP पार्षद नहीं पहुंचे : हैरानी की बात ये है कि आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद जिन्होंने हाल ही में बीजेपी का दामन थामा है, वे नगर निगम हाउस में दिखाई नहीं दिए.
2 घंटे के इंतजार के बाद निगम हाउस से निकलीं किरण खेर: चंडीगढ़ सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर शहर की सांसद किरण खेर तय समय पर निगम हाउस पहुंच चुकी थीं. लेकिन 2 घंटे इंतजार करने के बाद जब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षद निगम हाउस नहीं पहुंचे तो चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर नाराज होते हुए नगर निगम हाउस से निकल गईं. किरण खेर ने जाते-जाते कहा "ये चुनाव प्रेसिडिंग ऑफिसर की मौजूदगी में करवाए जाने थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न करना निंदनीय है. AAP और कांग्रेस चुनाव नहीं होने देना चाहती है.
राणा का निशाना : पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर कंवरजीत राणा ने कहा है कि "चंडीगढ़ के लोगों ने देख लिया है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन से बने मेयर एक भगोड़े की तरह भाग रहे हैं. वे नहीं चाहते कि चंडीगढ़ का विकास हो. इसलिए डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर के चुनाव को टाला जा रहा है. आप सब देख ही सकते हैं कि बीजेपी के सभी पार्षद हाउस में मौजूद हैं."
BJP पार्षद का आरोप: सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के हिस्सा न लेने के चलते चंडीगढ़ की सांसद ने नाराजगी जाहिर की है. वहीं, बीजेपी पार्षद महेश इंद्र का कहना है कि " हम ताजपोशी के लिए इंतजार कर रहे हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जिन्हें चुनाव करवाने की जिम्मेदारी दी गई है वो अब तक कहां छुप कर बैठे हैं. ये सभी भगोड़े कहां गायब है. ये सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सीधा विरोध है."
गठबंधन उम्मीदवारों ने चुनाव संबंधी आदेश को दी चुनौती: आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कांग्रेस के पार्षद और सीनियर डिप्टी मेयर पद के उम्मीदवार गुरप्रीत सिंह और डिप्टी मेयर पद की उम्मीदवार निर्मला देवी की तरफ से दायर याचिका में 23 फरवरी को डीसी की ओर से जारी आदेश को चुनौती दी गई है. पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि मेयर ने पदभार संभाला ही नहीं तो डीसी सीनियर डिप्टी और डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए कैसे आदेश जारी कर सकते हैं. तय प्रावधानों के मुताबिक मेयर ही सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव करवाता है. ऐसे में डीसी के चुनाव कराने संबंधी आदेश पर रोक लगाई जाए.
बीजेपी के पास मेजोरिटी: दरअसल आम आदमी पार्टी के 3 पार्षदों के बीजेपी में शामिल के कारण इन चुनाव में बीजेपी के पास मेजोरिटी है. ऐसे में नतीजे बीजेपी के पक्ष में जा सकते हैं. फिलहाल बीजेपी के पास 17 पार्षद और एक सांसद मिलकर 18 वोट हैं. आम आदमी पार्टी के पास 10 पार्षद और कांग्रेस के पास 7 पार्षद हैं. कुल मिलाकर INDI गठबंधन के पास 17 वोट हैं. इसके अलावा एक अकाली दल के पार्षद है, जिन्होंने 30 जनवरी को हुए चुनाव में बीजेपी को वोट डाला था.
कुलदीप कुमार ने नहीं संभाला पदभार :इस मुकाबले में सीनियर डिप्टी मेयर के तौर पर गुरप्रीत सिंह गाबी जो कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अलायंस के उम्मीदवार हैं. वे बीजेपी उम्मीदवार कुलदीप सिंह संधू के खिलाफ खड़े हैं. बता दें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी के पार्षद और चंडीगढ़ के नवनियुक्त मेयर कुलदीप कुमार 26 फरवरी को पदभार संभालने वाले थे, लेकिन पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने 26 फरवरी को पदभार नहीं संभाला.
आया 'सुप्रीम' फैसला : आपको बता दें कि कि 30 जनवरी को मेयर चुनाव जीतने के बाद बीजेपी पार्षद और नवनियुक्त मेयर मनोज सोनकर ने डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर के लिये चुनाव करवाया था. डिप्टी मेयर के लिए राजिंदर कुमार और सीनियर डिप्टी मेयर चुनाव में बीजेपी के कुलजीत संधू ने जीत हासिल की थी. इस दौरान कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर चुनाव का बहिष्कार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के पार्षद की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कांग्रेस और AAP पार्टी के पीठासीन अधिकारी की ओर से रद्द किये गये 8 वोट को वैध करार दिया था और AAP के कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया था.
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