चंडीगढ़:चंडीगढ़ नगर निगम पिछले कुछ दिनों से वित्तीय संकट से जूझ रहा है. यही कारण है कि शहर में विकास कार्य धीमी गति से चल रहा है. नगर निगम में इस साल 1110 करोड़ रुपए की जरूरत थी, जबकि नगर निगम की खुद की कमाई 910 करोड़ रुपए हैं. जो सभी सर्विस क्षेत्र में लग रही है. ऐसे में कर्मचारियों की तनख्वाह के लिए 70 करोड़ भी बचा पाना नगर निगम के लिए मुश्किल हो रहा है. वित्तीय संकट को देखते हुए मेयर कुलदीप कुमार ने मंगलवार को एक आपातकालीन बैठक बुलाई है. मेयर 24 अक्टूबर को चंडीगढ़ के प्रशासक से भी बैठक कर इस पर चर्चा करेंगे.
200 करोड़ की सख्त जरूरत:ईटीवी भारत ने निगम के वित्तीय संकट को लेकर मेयर कुलदीप कुमार से बातचीत की. बातचीत के दौरान मेयर कुलदीप कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए नगर निगम का कुल खर्च करीब 1110 करोड़ रुपए तक का है, लेकिन खुद की कमाई और प्रशासन से मिली ग्रांट से करीब 910 करोड़ रुपए ही जुटा पाए. वहीं, मौजूदा हालात को देखते हुए नगर निगम को 200 करोड़ की सख्त जरूरत है, जिससे वो अपने कर्मचारियों को वेतन देने में समर्थ होंगे.
वित्तीय संकट को देखते हुए नगर निगम द्वारा एक आपातकालीन सदन बैठक भी बुलाई जा रही है, जिसके लिए सोमवार को सभी पार्षदों के दस्तखत कराने के बाद रखा जाएगा. बैठक में सभी पार्षदों से राय ली जाएगी कि वे इस वित्तीय संकट में किस तरह नगर निगम की मदद कर सकते हैं.:कुलदीप कुमार, मेयर, चंडीगढ़ नगर निगम
सितंबर माह में जमा हुए 167 करोड़: मेयर की मानें तो अप्रैल से लेकर सितंबर महीने तक नगर निगम की ओर से कुल 167 करोड़ रुपए ही जमा किए जा सके. नगर निगम ने अप्रैल से सितंबर महीने में पानी के बिल, संपत्ति कर और अन्य निगम की कमाई को जोड़ते हुए जुटाए हैं. प्रशासन की ओर से नगर निगम को 2024-2025 वित्तीय बजट के तौर पर कल 560 करोड़ रुपए देने का प्रावधान किया गया था. इसमें से 337 करोड़ रुपए ही जारी हो पाए हैं.