रामनगर: सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (CEC) के चेयरमैन सिद्धांत दास रामनगर पहुंचे हैं. उन्होंने वन्यजीव संरक्षण, मैन-एनिमल कॉन्फ्लिक्ट और बाघों की बढ़ती संख्या को लेकर अहम बातें कही. उन्होंने बताया कि बाघों की संख्या उनके हैबिटेट की गुणवत्ता पर निर्भर करती है, और कॉर्बेट इसका बेहतरीन उदाहरण है. साथ ही, उन्होंने पांखरो से जुड़े मामलों की जांच से भी इंकार नहीं किया.
सीईसी के चेयरमैन सिद्धांत दास का रामनगर दौरा: CEC के चेयरमैन सिद्धांत दास ने विभिन्न आधिकारिक कार्यों के सिलसिले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. उन्होंने पाखरो से जुड़े किसी भी संभावित जांच के सवाल पर स्पष्ट रूप से इंकार नहीं किया. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनकी यात्रा मुख्य रूप से आधिकारिक कार्यों से जुड़ी हुई है. इस दौरान कई मुद्दों पर बातचीत की जा रही है.
मैन-एनिमल कॉन्फ्लिक्ट को लेकर सरकार और वन विभाग सतर्क:वन्यजीवों और इंसानों के बीच बढ़ते संघर्ष को लेकर दास ने कहा कि फॉरेस्ट विभाग के काबिल अधिकारी इस समस्या के समाधान के लिए लगातार प्रयासरत हैं. उन्होंने बताया कि जंगलों के आसपास बढ़ती मानव बस्तियों, अवैध घुसपैठ और जंगलों में कम होते संसाधनों के कारण यह समस्या गंभीर होती जा रही है.
बाघों की संख्या पर बड़ा बयान:सिद्धांत दास ने कहा कि बाघों की संख्या उनके प्राकृतिक आवास (हैबिटेट) की गुणवत्ता पर निर्भर करती है. जहां बेहतर जंगल और सुरक्षित माहौल होगा, वहां बाघों की संख्या स्वाभाविक रूप से अधिक होगी. उन्होंने बताया कि जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की अच्छी संख्या इस बात का प्रमाण है कि वहां का पर्यावरण उनके लिए अनुकूल है.