कोटा: सेंट्रल बोर्ड का सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने शिक्षा सुधारों की दिशा में कदम उठाते हुए शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए पेरेंटिंग कैलेंडर तैयार करने का निर्णय लिया है. इसके लिए सीबीएसई ने 10 सदस्यों की कमेटी गठित कर दी गई है, जिसे पेरेंटिंग कैलेंडर तैयार करने व लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस कमेटी में देश के अलग-अलग स्कूलों के प्रिंसिपल्स को शामिल किया गया है, जिनमें 80 फीसदी महिलाएं हैं. यह कमेटी आगामी 15 मार्च तक अपनी रिपोर्ट सीबीएसई को सौंप देगी.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि पेरेंटिंग कैलेंडर तैयार करने के पीछे सीबीएसई का उद्देश्य स्कूली शिक्षा में स्टूडेंट्स से जुड़े मुद्दों पर टीचर्स और पेरेंट्स के बीच लगातार संवाद करना है. जिसके लिए एक सेतु तैयार करने की कोशिश की जा रही है. सीबीएसई ने जारी की गई सूचना के अनुसार वर्तमान समय में स्कूली स्टूडेंट्स से संबंधित दो-गंभीर मुद्दे हैं. इसमें एग्जाम रिजल्ट और दूसरा बिहेवियरल चेंज है. पेरेंटिंग-कैलेंडर के तहत सीबीएसई अभिभावकों व शिक्षकों के संयुक्त रूप से इन मुद्दों को व्यवस्थित तौर पर हल करना चाहता है.