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2007 में CBI ने जगदीश टाइटलर को दी थी क्लीनचिट, अब उसी मामले में हो सकती है फांसी तक की सजा - CHARGES FRAMED AGAINST TYTLER

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 30, 2024, 8:04 PM IST

Updated : Aug 30, 2024, 10:16 PM IST

Charges framed against Jagdish Tytler: राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख दंगे के दौरान पुलबंगश के गुरुद्वारे में हुई हिंसा के मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर पर आठ धाराओं में आरोप तय किए हैं.

जगदीश टाइटलर पर आठ धाराओं में आरोप तय
जगदीश टाइटलर पर आठ धाराओं में आरोप तय (Etv Bharat)

जगदीश टाइटलर पर आठ धाराओं में आरोप तय (etv bharat)

नई दिल्ली:अप्रैल 2007 में मनमोहन सरकार के दौरान सीबीआई ने 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले में जगदीश टाइटलर को क्लीनचिट दे दी थी. सीबीआई ने कहा था कि दंगे के समय टाइटलर पुल बंगश गुरुद्वारा इलाके में नहीं थे. वे इंदिरा गांधी के तीन मूर्ति आवास पर थे. लेकिन, बाद में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को नकारते हुए कोर्ट ने इस मामले को फिर से शुरू किया. अब इस मामले में करीब 40 साल के लंबे समय के बाद टाइटलर पर आरोप तय किए गए हैं.

टाइटलर मामले के कुछ प्रमुख तथ्य (etv bharat gfx)

राउज एवेन्यू कोर्ट ने टाइटलर पर आठ धाराओं में आरोप तय किए हैं, जिनमें प्रमुख धारा हत्या की धारा 302 शामिल है. अब टाइटलर पर इन धाराओं में आगे मुकदमा चलेगा और इन सभी धाराओं में अगर जुर्म साबित हो जाता है तो उन्हें सजा सुनाई जाएगी. इन धाराओं में कितनी सजा का प्रावधान है इसको लेकर कड़कड़डूमा कोर्ट के अधिवक्ता अंकित मेहता ने बताया कि जगदीश टाइटलर पर लगाई गई सभी धाराओं में अलग-अलग सजा का प्रावधान है. इनमें सबसे मुख्य धारा 302 है, जो हत्या की धारा है, जिसमें आजीवन कारावास से लेकर फांसी तक की सजा का प्रावधान है.

जानें 2019 से अब तक मामले में क्या-क्या हुआ (ETV Bharat)

फांसी तक की हो सकती है सजाःअंकित मेहता ने बताया कि इसके अलावा अन्य जो धाराएं हैं. उनमें 1 साल, 3 साल और 2 साल तक की सजा का प्रावधान है. अगर इन सभी धाराओं में जगदीश टाइटलर पर मामला साबित हो जाता है तो उन्हें धारा 302 के तहत अधिकतम आजीवन कारावास और फांसी की सजा तक हो सकती है. बाकी अन्य धाराओं की सजा भी 302 की सजा के साथ ही चलेगी. उन्होंने यह भी बताया कि क्योंकि यह मामला स्पेशल सीबीआई कोर्ट में चल रहा है. इसलिए इसमें अब फास्ट ट्रैक स्पीड से ट्रायल चलेगा. क्योंकि मामला 40 साल पुराना है. इसलिए गवाह और सबूतों को पेश करने में समय लग सकता है. फिर भी इस मुकदमे में तीन से चार साल में फैसला आने की संभावना है.

जानें 2019 से अब तक मामले में क्या-क्या हुआ (ETV Bharat)

उम्र का मिल सकता है लाभः एडवोकेट अंकित मेहता ने बताया कि पहले इस मामले में सीबीआई ने गवाहों और सबूतों के अभाव में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. लेकिन, बाद में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को नकारते हुए कोर्ट ने इस मामले को फिर से शुरू किया था. अब इस मामले में करीब 40 साल के लंबे समय के बाद आरोप तय किए गए हैं. अब इस मामले में सजा चार्जशीट पर भी निर्भर करेगी कि उसमें कितने गवाह हैं और चार्जशीट कितनी हेवी है. संगीन धाराओं की वजह से टाइटलर को उम्रदराज होने का भी लाभ नहीं मिलेगा. एडवोकेट अंकित मेहता ने बताया कि इस मामले में सेशन कोर्ट से पहले ही जगदीश टाइटलर को अंतरिम जमानत मिल चुकी है.

सिख नेता मनजिंदर सिरसा ने जताई खुशी:जगदीश टाइटलर पर आरोप तय होने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सिख नेता एवं भाजपा प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा टाइटलर पर सिखों के कत्लेआम के लिए आज आरोप तय किए गए हैं. अब 13 सितंबर को कोर्ट ने उन्हें समन किया है. जल्दी ही सज्जन कुमार की तरह ही जगदीश टाइटलर भी जेल में सड़ेंगे. देर से ही सही लेकिन हमें इस मामले में अब न्याय मिल रहा है. कांग्रेस की सरकार ने जिस मामले में टाइटलर को क्लीन चिट दी थी और इस मामले में इन्हें सजा हो रही है. यह न्याय की जीत है.

Last Updated : Aug 30, 2024, 10:16 PM IST

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