नई दिल्ली: सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट में वक्फ बोर्ड घोटाले में AAP विधायक अमानतुल्ला खान समेत 11 आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले में आरोप तय करने को लेकर अपनी दलीलें पूरी कर ली. इस मामले में स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने 18 मई को फैसला सुनाने का आदेश दिया. दरअसल, इस मामले में कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान को छोड़कर दिल्ली वक्फ बोर्ड के तत्कालीन सीईओ महबूब आलम, हामिद अख्तर, किफायतुल्लाह खान, रफीऊशान खान, इमरान अली, मोहम्मद अबरार, आकिब जावेद, अजहर खान, जाकिर खान और अब्दुल मन्नर को 1 मार्च 2023 को सभी आरोपियों को जमानत दे दी थी.
इसके पहले 3 नवंबर 2022 को कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने इन आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(2), 13((1)(डी) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. इस मामले में 23 नवंबर 2016 को एफआईआर दर्ज की गई थी. जांच के बाद सीबीआई ने 21 अगस्त 2022 को चार्जशीट दाखिल किया था.
सीबीआई के मुताबिक, दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी नियुक्तियों में गड़बड़ी पाई गई. चार्जशीट में कहा गया कि इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रची, जिन्हें वक्फ बोर्ड में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. चार्जशीट के मुताबिक, इन नियुक्तियों में मनमानी करते हुए अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया.