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अक्षय कुमार की फिल्म गब्बर जैसा मामला, बस्तर में घुटने के दर्द से मरीज की मौत, मचा बवाल - Bastar patient dies Controversy

बीते सालों में अभिनेता अक्षय कुमार की एक फिल्म आई थी गब्बर. ठीक इसी मूवी की तरह बस्तर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल से मामला सामने आया है. एक मरीज अपने घुटने के दर्द का इलाज कराने अस्पताल पहुंचा, लेकिन उसे 3 अलग अलग बीमारी बताकर भर्ती कर लिया गया. जिसके बाद परिजनों को भी मिलने नहीं दिया गया. अब आज मरीज की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल के बाहर बवाल कर दिया.

Bastar patient dies Controversy
मरीज की मौत पर मचा बवाल (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 29, 2024, 10:41 PM IST

Updated : Aug 29, 2024, 10:50 PM IST

घुटने में दर्द का इलाज कराने पहुंचे मरीज की मौत (ETV Bharat)

बस्तर : जगदलपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल रामपाल यादव, जो कि बीजापुर के माटवाडा गांव का निवासी है. आरोप है कि इलाज के अभाव में मरीज की मौत हो गई है. मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल के सामने हंगामा किया है. हंगामे के बाद स्थानीय समाज सेवी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पहुंचे. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को सील कर दिया है.

घुटने में दर्द का इलाज कराने पहुंचा था परिजन : परिजन हेमलता यादव ने बताया, "मरीज रामपाल यादव के घुटने में अचानक दर्द हुआ, जिसका इलाज करवाने परिजनों ने जगदलपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचे. डॉक्टरों ने जांच के बाद मरीज की किडनी में सूजन और लगातार पेट फूलना बताया. 23 अगस्त से भर्ती मरीज को हॉस्पिटल में उपचार से कोई राहत नहीं मिल रहा था. इतना ही नहीं भर्ती मरीज से उनके परिजनों को मिलने तक नहीं दिया जा रहा था."

"मरीज को आईसीयू में भर्ती करने की बात कहकर स्टाफ परिजनों को मिलने से रोक रहे थे. परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधन से गुहार लगाई कि अगर आप इलाज नहीं कर पा रहे हैं तो मरीज को रिलीज करें. ताकि दूसरी जगह बेहतर इलाज करवा सकें." - हेमलता यादव, परिजन

न्याय की मांग रहे परिजन : परिजनों की मांग को हॉस्पिटल प्रबंधन नेअनसुना कर दिया और डॉक्टर अपने तरीके से इलाज करते रहे और परिजनों से मोटी रकम वसूलते रहे. इस बीच गुरुवार सुबह 9 बजे मरीज की मौत हो गई. अब परिजन न्याय और मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

"उच्च अधिकरियों की उपस्थिति में पोस्टमार्टम होना चाहिए और परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए. जब तक मुआवजा नहीं मिल जाता. अस्पताल के सामने आने वाले दिनों में धरना प्रदर्शन किया जाएगा." - मृतक के परिजन

समाज के लोगों ने की मुआवजे की मांग : अनुसूचित जाति के जिला अध्यक्ष विक्रम लहरे ने बताया, "घटना की जानकारी लगने के बाद वे पहुंचे और शासन प्रशासन को जानकारी दी. मृतक एक ऑटो चालक था, जिसका भरा पूरा परिवार है. अपने परिवार को छोड़कर चला गया. हमने मांग किया हैं कि परिवार के भरण पोषण के लिए उचित मुआवजा परिजनों को दें."

कांग्रेस ने की जांच की मांग : कांग्रेस पार्टी के नेता नरेंद्र भवानी ने बताया, "मरीज चलता फिरता अस्पताल पहुंचा था और 3 दिनों में डॉक्टरों ने अलग-अलग बीमारी बताया. मरीज घुटने के दर्द के लिए पहुंचा था, लेकिन हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं होने के बाद भी रेफर नहीं कर बिना परिजनों से मिलने दिए इलाज करते रहे. मरीज की मौत सवालों के घेरे में है, इसकी जांच होनी चाहिए."

"तहसीलदार व पुलिस के अमलों के साथ उनकी टीम पहुंची और अपने स्तर पर जांच करनी शुरू की. जांच के बाद हॉस्पिटल प्रबंधन की दी गई सारी जानकारियां मरीज के रिपोर्ट से मैच नहीं हो रही थी. हॉस्पिटल प्रबंधक ने मरीज की मौत ऑब्सट्रक्शन की वजह से हुई, ऐसा बताया. लेकिन सोनोग्राफी एक्सरे की रिपोर्ट इस बीमारी से मैच नहीं हो रही हैं." - संजय बसात, सीएचएमओ, बस्तर

सीएचएमओ ने बॉडी को पोस्टमार्डम के लिए डिमरपाल मेडिकल कॉलेज भेजा और पोस्टमोर्डम वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही जब तक जांच की रिपोर्ट सामने नहीं आती, तब तक हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है. पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले का पूरा खुलासा हो सकेगा.

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Last Updated : Aug 29, 2024, 10:50 PM IST

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