आगरा:अखिल भारत हिंदू महासभा ने ताजमहल में लगने वाले शाहजहां के उर्स को लेकर अदालत में वाद दायर किया है. अखिल भारत हिंदू महासभा ने शुक्रवार को वाद दायर कर शाहजहां उर्स सेलीब्रेशन कमेटी के अध्यक्ष सैयद इब्राहीम जैदी को प्रतिवादी बनाया है. कोर्ट ने वादी के वाद को स्वीकार कर प्रतिवादी को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस तामील कराने के आदेश दिए हैं. जिससे छह फरवरी से शुरू होने वाले तीन दिवसीय उर्स पर संकट के बादल छा रहे हैं. इस मामले की अगली सुनवाई चार मार्च को होगी.
दरअसल, हर साल हिजरी कैलेंडर के रजब माह की 25, 26 व 27 तारीख को शाहजहां का तीन दिवसीय उर्स मनाया जाता है. इस बार यह तिथियां 6 से 8 फरवरी तक पड़ रही हैं. शाहजहां का इस साल 369वां उर्स है. उर्स के दौरान ताजमहल के तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की असली कब्रों को खोला जाता है.
कोर्ट ने दिए प्रतिवादी को नोटिस तामील कराने के आदेश
वादी पक्ष के अधिवक्ता अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि अखिल भारत हिंदू महासभा के पदाधिकारी मीना देवी दिवाकर और सौरभ शर्मा ने एक वाद अतिरिक्त सिविल जज जूनियर डिवीजन के यहां दायर किया है. इसमें मांग की है कि ताजमहल में हर साल बिना अनुमति के शाहजहां का तीन दिवसीय उर्स होता है. उसे रोका जाए. जिसमें प्रतिवादी एम्परर शाहजहां उर्स सेलीब्रेशन कमेटी को बनाया गया है. वाद को लेकर कोर्ट ने प्रतिवादी को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस तामील कराने का आदेश दिया है. जब न्यायायल में मामला पहुंच गया है. बिना अनुमति के बाद होने वाला उर्स नहीं होना चाहिए. इस मामले की अगली सुनवाई अब चार मार्च को होगी.
शव उनके, शिव हमारे
अखिल भारत हिंदू महासभा के जिला अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने ने कहा कि ताजमहल में उर्स कराने का एएसआई के पास कोई आदेश नहीं है. इस बारे में हमने सूचना के अधिकार के तहत एएसआई से जानकारी ली थी. सनातन धर्म के लोग ताजमहल में केसरी पटका भी डालकर नहीं जा सकते हैं. वहां पर एक कब्र पर 1580 मीटर की चादर चढाई जाएगी. हमारी मांग है कि ताजमहल की खुदाई करें. सर्वे कराया जाए. वहां पर हिंदू मंदिर के सबूत मिलेंगे. यदि ताजमहल परिसर में शव मिले तो उनका, शिव मिले तो हमारे हैं.
ये होते हैं कार्यक्रम
छह फरवरी: गुस्ल की रस्म के साथ उर्स की शुरुआत होगी.दोपहर दो बजे मुख्य मकबरे में तहखाने में स्थित कब्रों को खोला जाएगा. गुस्ल की रस्म के बाद फातिहा, मिलादुन्नबी, मुशायरा होगा.