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नगर परिषद सभापति पद के लिए प्रत्याशियों ने दाखिल किया नामांकन, 11 फरवरी को होगा चुनाव

श्रीगंगानगर में नगर परिषद सभापति पद के लिए 11 फरवरी को होने वाले चुनाव में 5 उम्मीदवारों की ओर से नामांकन पत्र जमा कराए गए हैं, जिनकी जांच बुधवार को की जाएगी.

प्रत्याशियों ने दाखिल किया नामांकन
प्रत्याशियों ने दाखिल किया नामांकन

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 6, 2024, 7:24 PM IST

श्रीगंगानगर. नगर परिषद सभापति पद के लिए 11 फरवरी को होने वाले चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मंगलवार को नामांकन पत्र जमा करने की प्रक्रिया संपन्न हुई. नगर परिषद सभापति चुनाव के रिटर्निंग अधिकारी कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि नामांकन पत्र जमा करने के आखिरी दिन तक कुल 5 उम्मीदवारों की ओर से नामांकन पत्र जमा कराए गए हैं, जिनकी जांच बुधवार को की जाएगी.

नगर परिषद सभापति पद पर चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस ने लंबी बैठकों के बाद अपने प्रत्याशी घोषित किए. भाजपा जिला अध्यक्ष शरणपाल सिंह ने बताया कि भाजपा की ओर से वार्ड 36 की पार्षद गगनदीप कौर को अपना उम्मीदवार घोषित किया गया है. भाजपा प्रत्याशी पार्षद गगनदीप कौर ने अपना नामांकन दाखिल किया. भाजपा जिला अध्यक्ष शरणपाल सिंह ने कहा कि 11 फरवरी को होने जा रहे सभापति के चुनाव को लेकर वो पूरी तरह से आश्वस्त हैं.

इसे भी पढ़ें-श्रीगंगानगर नगरपरिषद सभापति चुनाव : 5 फरवरी को अधिसूचना और 11 फरवरी को परिणाम

जीत के लिए आश्वस्त कांग्रेस प्रत्याशी : कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार वार्ड 55 की पार्षद कमला बिश्नोई को बनाया है. कांग्रेस की प्रत्याशी कमला विश्नोई ने समर्थकों के साथ रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में नामांकन पत्र दाखिल किया. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और श्रीगंगानगर जिला प्रभारी जिया उर रहमान समेत कई कार्यकर्ता नामांकन के दौरान मौजूद रहे. कमला विश्नोई ने कहा कि वह अपनी जीत के लिए पूरी तरह से आश्वस्त हैं. बता दें कि फिलहाल श्रीगंगानगर नगर परिषद के 65 पार्षदों में से 24 भाजपा, 22 निर्दलीय और 19 कांग्रेस के हैं.

बता दें कि श्रीगंगानगर विधानसभा सीट से पूर्व सभापति करुणा चांडक ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और चुनाव में पराजित होने के बाद उन्होंने सभापति पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने वार्ड 36 की पार्षद गगनदीप कौर को सभापति मनोनीत किया, लेकिन चार दिन बाद ही चुनाव की घोषणा कर दी. इसके बाद चुनाव अधिकारी की तबियत खराब हो गई और चुनाव को एक बार फिर आगे खिसका दिया गया था.

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