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कैंसर से लड़ने के लिए किताब को बनाया सहारा, लेखक बन समाज के लिए मिसाल बनें अरुण मिश्रा

Book release program in Ranchi. कहते हैं, अगर सोच सकारात्मक हो तो जीवन की किसी भी मुश्किल घड़ी से पार पाया जा सकता है. कुछ ऐसी ही मिसाल पेश की है लेखक अरुण मिश्रा ने, इस रिपोर्ट से जानिए इस लेखक की पूरी कहानी.

Cancer stricken writer Arun Mishra book released in Ranchi
रांची में कैंसर ग्रस्त लेखक अरुण मिश्रा ने पॉजिटिव सोच के साथ पुस्तक लेखन में मिसाल पेश की

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 17, 2024, 10:23 PM IST

रांची में लेखक अरुण मिश्रा की पुस्तक का विमोचन

रांची: इंसान में जूनून और जज्बा हो तो वो हर हालात को जीत सकता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया झारखंड के एक लेखक अरुण मिश्रा ने. कैंसर जैसी बीमारी से ग्रसित होने के बावजूद भी उन्होंने जीने की उम्मीद नहीं छोड़ी और एक के बाद एक करके दो किताब लिखीं.

रविवार को रांची में लेखक अरुण मिश्रा की किताब 'तुम' का विमोचन किया गया. इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री बलबीर दत्त बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. अरुण मिश्रा पेशे से व्यवसायी हैं वो शौक से किताब भी लिखते हैं. किताब लिखने की वजह से वह हमेशा ही पॉजिटिव दिशा की ओर सोचते हैं, जो उनके जीवन में इस बीमारी के दौर में काफी असरदार रहा. अरुण मिश्रा बताते हैं कि उनके पिता की भी मौत कैंसर से हुई थी और उनकी दो बहनों की मौत भी कैंसर से हो चुकी है और परिवार में चौथे शख्स के रूप में कैंसर ने उन्हें भी जकड़ लिया. कैंसर से ग्रसित होने के बाद कुछ दिनों तक तो उन्होंने जीने की उम्मीद छोड़ दी. लेकिन एक समय उन्हें लगा कि कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जीता जा सकता है.

लेखक अरुण मिश्रा कहते हैं कि उन्होंने अपनी किताब लिखने की आदत को जारी रखा. इसके बाद "थैंक यू कैंसर" और "तुम" जैसी किताबें लिखकर उन्होंने कैंसर से लड़ने की ताकत पाई. उन्होंने कहा कि आज उनके किताब का लोकार्पण हुआ है, इससे उन्हें काफी खुशी है. उन्होंने देश में कैंसर से जूझ रहे मरीजों को संदेश देते हुए कहा कि कैंसर से डरने की आवश्यकता नहीं है. कैंसर बीमारी एक जानवर की तरह है अगर आप उससे डरेंगे तो वह डराएगा और अगर आप पत्थर लेकर खड़े हो जाएंगे तो भाग जाएगा.

रांची में लेखक अरुण मिश्रा की किताब का विमोचन करने पहुंचे वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री बलबीर दत्त ने कहा कि अरुण मिश्रा जैसे लोग समाज के लिए एक मिसाल हैं. कैंसर जैसी बीमारी से जूझते हुए उन्होंने भावना से परिपूर्ण किताब लिखी है जो कहीं ना कहीं समाज में कैंसर से लड़ रहे मरीजों के आत्मविश्वास को बढ़ाता है. वहीं इस कार्यक्रम में पहुंचे वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मनीष अरविंद ने कहा कि जीवन में अगर अनुशासन और कुछ सीखने की आदत बनी रहे तो निश्चित रूप से इंसान किसी भी विपत्तियों से जीत सकता है, जिसका उदाहरण आज अरुण मिश्रा हैं.

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