अलवर में यूं बढ़ रहे कैंसर के मरीज (ETV Bharat Alwar) अलवर: जिले में युवाओं में बढ़ती तंबाकू की लत से कैंसर जैसी घातक बीमारी के मरीज दिनों-दिन बढ़ते जा रहे हैं. अलवर के कैंसर विशेषज्ञों की मानें तो पिछले 2 साल में करीब 80 प्रतिशत कैंसर पीड़ितों में इजाफा हुआ है. अलवर के जिला अस्पताल में कैंसर पीड़ितों के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इसमे पुरुषों में मुंह व गले के कैंसर की समस्या ज्यादा सामने आई है.
अलवर जिला अस्पताल के कैंसर विशेषज्ञ सुखवीर सिंह तंवर ने बताया कि इन दिनों युवा गुटखा, बीड़ी, तंबाकू का सेवन ज्यादा कर रहे हैं. इससे वे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. डॉ तंवर ने बताया कि कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू सेवन है. अलवर जिला अस्पताल की कैंसर यूनिट में आने वाले ज्यादातर मरीज युवा हैं. इनमें ज्यादातर युवाओं के मुंह में कैंसर के मामले चिन्हित हो रहे हैं.
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कुछ सालों में युवाओं में बढ़ा कैंसर का खतरा: डॉ सुखवीर सिंह तंवर ने बताया कि अलवर जिला अस्पताल में कैंसर विशेषज्ञ से परामर्श लेने के लिए प्रतिदिन करीब 50 मरीज आते हैं. इसमें 60 प्रतिशत मरीज 35 से 40 साल आयु वर्ग के होते हैं. इन युवाओं को तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट के सेवन से दूर रहने की समझाइश की जाती है. इसके अलावा महिलाएं व बुजुर्ग व्यक्ति भी कैंसर विशेषज्ञ से परामर्श लेने के लिए जिला अस्पताल पहुंचते हैं.
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7 महीने में कैंसर रोगियों का आंकड़ा 6000 के पार: कैंसर विशेषज्ञ डॉ सुखवीर सिंह तंवर ने बताया कि अलवर में कैंसर के मरीजों की संख्या में साल दर साल बढ़ोतरी हो रही है. साल 2021 में जिला अस्पताल की कैंसर मरीजों की ओपीडी 1067 रही. वहीं 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 2883 तक पहुंचा. वर्ष 2023 में कैंसर रोगियों की ओपीडी के आंकड़े चौंकाने वाले रहे. अलवर जिले में 2 साल में कैंसर ओपीडी 80 प्रतिशत तक बढ़ी और 9129 तक पहुंच गई. उन्होंने बताया कि साल 2024 के बीते 7 महीनों में जिला अस्पताल में कैंसर मरीजों की ओपीडी करीब 8000 तक पहुंच गई. कैंसर विशेषज्ञ ने बताया कि लोगों में कैंसर को लेकर जागरूकता का अभाव है. लोगों ने तंबाकू का सेवन कम नहीं किया, तो यह संख्या और भी बढ़ सकता है.
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ये होते है शुरुआती लक्षण: डॉ सुखबीर सिंह तवर ने बताया कि कैंसर में सबसे पहले छाला बनता है. यह दवाई से ठीक नहीं होता. कैंसर में शुरुआत में व्यक्ति को दर्द नहीं होता. इसके बाद यह छाला कैंसर की गांठ बनती है. यदि व्यक्ति को इस गांठ में दर्द हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. जिससे कि व्यक्ति शुरुआती स्टेज में ही कैंसर को बढ़ने से रोक सके. उन्होंने बताया कि कैंसर में मुख्य चार स्टेज होती है. पहली स्टेज में कैंसर को 80% तक रोका जा सकता है. बाकी दो स्टेज में 20% तक ऐसे कैस होते हैं, जिनमें कैंसर को रोका जा सकता है.
महिलाओं में इस तरह के कैंसर ज्यादा: डॉ तंवर ने बताया कि शहरी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की मरीजों की संख्या ज्यादा है. ग्रामीण महिलाओं की बात की जाए, तो इनमें बच्चेदानी व मुंह का कैंसर ज्यादा पाया जा रहा है. यहां आने वाले मरीजों को कैंसर के प्रति जागरूक किया जाता है. जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारी पर रोक लगाई जा सके.