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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 21, 2024, 5:13 PM IST

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मॉनसून में भी मारे जाएंगे नक्सली, जवानों ने की बस्तर में तगड़ी तैयारी - Naxalites in Chhattisgarh

पूरे बस्तर में नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. चंद दिनों में मॉनसून एक्टिव होने वाला है. मॉनसून के मौसम में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को इस बार और धार दिया जाएगा. बरसात में इस बार जंगल में और जोरदार सर्चिंग अभियान चलाने की तैयारी है जवानों ने की है.

campaign against Naxalites in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ एक्शन (ETV Bharat)

रायपुर: हर साल बरसात के दौरान नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे जवानों के अभियान पर विराम लगा दिया जाता है. हालांकि इस साल की स्थिति बिल्कुल अलग होगी. सरकार का दावा है कि नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा. ऐसे में यदि बरसात के समय नक्सलियों के खिलाफ सरकार अभियान चलती है तो जवानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

बरसात में होती थी परेशानी:दरअसल, छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या एक नासूर बना हुआ है. इससे निपटने के लिए लगातार पूर्ववर्ती सहित वर्तमान सरकार मुहिम चलाती रही है, लेकिन इस मुहिम पर बरसात के दिनों में हर साल विराम लग जाता है. इसके कई कारण हैं. बरसात के दिनों में जहां एक ओर जंगल में पानी की वजह से आवा जाही प्रभावित होती है. वहीं, दूसरी ओर हरियाली ज्यादा होने की वजह से मूवमेंट में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा बरसात के दिनों में जंगलों में जंगली जानवर, सांप, बिच्छू का खतरा भी बढ़ जाता है, जो जवानों के लिए घातक साबित हो सकता है.

पूरे साल भर जारी रहेगा नक्सल विरोधी अभियान:इतना ही नहीं बरसात के दिनों में मच्छर सहित कीट पतंग से होने वाली बीमारियों का खतरा भी जवानों पर मंडराने लगता है. साथ ही कई अन्य परेशानी बरसात के दिनों में नक्सल ऑपरेशन के दौरान देखने को मिलती है. इस वजह से बीते सालों में बरसात के समय नक्सलियों के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान पर विराम लगा दिया जाता है, लेकिन इस बार शासन-प्रशासन का दावा है कि बरसात के दिनों में भी नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा. सर्चिंग ऑपरेशन से लेकर उनके खात्मे के लिए वे सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे, जो आम दिनों में नक्सलियों खिलाफ चलाए जाने वाले मूमेंट में देखने को मिलता था.

जवानों ने की तगड़ी तैयारी: इस बारे में बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी का कहना है, "नक्सलियों के खिलाफ लगातार मुहिम जारी है. बरसात के दिनों में भी यह अभियान जारी रहेगा. हमने वर्तमान में नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक बढ़त बनाई हुई है. वह काम आगे भी जारी रहेगा. पहले की तरह अब जवानों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. क्योंकि पहले क्षेत्र में पुल पुलिया रोड की समुचित व्यवस्था नहीं थी. जिस वजह से नक्सलियों के खिलाफ चलाए जाने वाले सर्चिंग अभियान सहित अन्य गतिविधियों में थोड़ी दिक्कत आती थी. हालांकि अब उन क्षेत्रों में भी आवाजाही के लिए पुल-पुलिया, सड़क सहित अन्य पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं. यही वजह है कि इस बार बरसात के दिनों में भी नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा."

बरसात के दिनों में होने वाली समस्यायों से निपटने के लिए भी इस बार पहले से ही व्यवस्था कर लिया गया है. पहले नक्सल अभियान के दौरान बरसात में आने वाली परेशानी होती थी. समस्या से निपटाने की रणनीति इस बार पहले ही तैयार कर ली गई है. बरसात में हथियार सहित दवाईयों की व्यवस्था भी कैंपों में की गई है. ताकि जवानों को कोई दिक्कत न हो. प्राकृतिक आपदा, भारी बारिश के दौरान कुछ दिनों या कुछ घंटे के लिए अभियान पर विराम लग सकता, लेकिन यह अभियान बरसात में भी जारी रहेगा.-सुंदरराज पी, आईजी, बस्तर रेंज

नक्सल एक्सपर्ट की राय:वहीं, नक्सल एक्सपर्ट वर्णिका शर्मा का कहना है, "नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर की भौगोलिक स्थिति अन्य जगहों की अपेक्षा काफी अलग है. जंगल घाटी सहित अन्य चीजों की वजह से वहां नक्सल अभियान के दौरान सर्चिंग में पहले कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब परिस्थिति बदल चुकी है. उन क्षेत्रों में तैनात जवान हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. यही वजह है कि सरकार ने भी बरसात के पहले ही उन क्षेत्र में अभियान तेज कर दिया है और जवानों को मुस्तैद कर दिया है. स्वाभाविक है कि इसका फायदा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में मिलेगा.पहले यह कहा जा सकता था कि वहां नक्सली मूवमेंट पर तैनात जवानों को एक अदृश्य डोरी से बांधा गया था, जिस वजह से वह खुलकर नक्सलियों के खिलाफ मुहिम चला पाते थे, लेकिन अब उन्हें यह पता है कि उन्हें किस काम के लिए भेजा गया है. उसके लिए वह तैयारी के साथ काम कर रहे हैं. "

नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे मुहिम के दौरान तीन बातें सामने आई है. पहला नई तकनीक का इस्तेमाल, दूसरा पूर्व अभ्यास और तीसरा बाधाओं के प्रति पूर्व तैयारी. अब जो उन क्षेत्रों में तैनात जवान हैं, उन्हें पता है कि बरसात के दिनों में किस तरह की दिक्कत ओर परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इसलिए वे मानसिक और शारीरिक रूप से उससे निपटने के लिए तैयार रहते हैं. इसके अलावा पुराने अनुभव को ध्यान में रखते हुए जवान हाईटेक हुए हैं. आधुनिक संसाधनों और गैजेट्स का इस्तेमाल कर नक्सलियों के खिलाफ मुहिम को आगे बढ़ाया जा रहा है. " -वर्णिका शर्मा, नक्सल एक्सपर्ट

ऐसे में साफ है कि इस बार बारिश के समय में नक्सलियों के खिलाफ अभियान को रोका नहीं जाएगा. वहीं, जवानों का हौसला देख साफ पता चलता है कि नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के जरिए प्रदेश में लाल आतंक को खत्म करने की सुरक्षाबलों ने ठान ली है.

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