रायपुर: हर साल बरसात के दौरान नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे जवानों के अभियान पर विराम लगा दिया जाता है. हालांकि इस साल की स्थिति बिल्कुल अलग होगी. सरकार का दावा है कि नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा. ऐसे में यदि बरसात के समय नक्सलियों के खिलाफ सरकार अभियान चलती है तो जवानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
बरसात में होती थी परेशानी:दरअसल, छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या एक नासूर बना हुआ है. इससे निपटने के लिए लगातार पूर्ववर्ती सहित वर्तमान सरकार मुहिम चलाती रही है, लेकिन इस मुहिम पर बरसात के दिनों में हर साल विराम लग जाता है. इसके कई कारण हैं. बरसात के दिनों में जहां एक ओर जंगल में पानी की वजह से आवा जाही प्रभावित होती है. वहीं, दूसरी ओर हरियाली ज्यादा होने की वजह से मूवमेंट में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा बरसात के दिनों में जंगलों में जंगली जानवर, सांप, बिच्छू का खतरा भी बढ़ जाता है, जो जवानों के लिए घातक साबित हो सकता है.
पूरे साल भर जारी रहेगा नक्सल विरोधी अभियान:इतना ही नहीं बरसात के दिनों में मच्छर सहित कीट पतंग से होने वाली बीमारियों का खतरा भी जवानों पर मंडराने लगता है. साथ ही कई अन्य परेशानी बरसात के दिनों में नक्सल ऑपरेशन के दौरान देखने को मिलती है. इस वजह से बीते सालों में बरसात के समय नक्सलियों के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान पर विराम लगा दिया जाता है, लेकिन इस बार शासन-प्रशासन का दावा है कि बरसात के दिनों में भी नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा. सर्चिंग ऑपरेशन से लेकर उनके खात्मे के लिए वे सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे, जो आम दिनों में नक्सलियों खिलाफ चलाए जाने वाले मूमेंट में देखने को मिलता था.
जवानों ने की तगड़ी तैयारी: इस बारे में बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी का कहना है, "नक्सलियों के खिलाफ लगातार मुहिम जारी है. बरसात के दिनों में भी यह अभियान जारी रहेगा. हमने वर्तमान में नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक बढ़त बनाई हुई है. वह काम आगे भी जारी रहेगा. पहले की तरह अब जवानों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. क्योंकि पहले क्षेत्र में पुल पुलिया रोड की समुचित व्यवस्था नहीं थी. जिस वजह से नक्सलियों के खिलाफ चलाए जाने वाले सर्चिंग अभियान सहित अन्य गतिविधियों में थोड़ी दिक्कत आती थी. हालांकि अब उन क्षेत्रों में भी आवाजाही के लिए पुल-पुलिया, सड़क सहित अन्य पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं. यही वजह है कि इस बार बरसात के दिनों में भी नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा."