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पूर्व नगर परिषद सभापति सहित 5 के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज, जाली दस्तावेज बनाकर पट्टा बनाने का मामला

बूंदी कोर्ट ने साल 2016 के तत्कालीन नगर परिषद सभापति सहित पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करने के लिए इस्तगासा निकाला है, जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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पूर्व नगर परिषद सभापति सहित 5 के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 22, 2024, 11:21 AM IST

बूंदी.कूटरचित दस्तावेज बनाकर पट्टा बनाने के मामले में सदर थाना पुलिस ने नगरपरिषद के तत्कालीन सभापति सहित पांच लोगों के खिलाफ बुधवार को न्यायालय के इस्तगासे के आधार पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है. एक भूखंड को पांचों आरोपियों ने कूटरचित दस्तावेज बनाकर किसी ओर के नाम कर दिया था, जबकि ये भूखंड मैसर्स वल्लभ नंदा एसोसियेट की योजना के तहत फरियादी ने लिया था. इस मामले में जब पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया, तो फरियादी ने कोर्ट में इस्तगासे के जरीए प्रकरण दर्ज करवाया.

थानाधिकारी अरविंद भारद्वाज ने बताया कि न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बूंदी से प्राप्त इस्तगासे के आधार पर कूटरचित दस्तावेज बनाकर प्लॉट का पट्टा बनाने के मामले में तत्कालीन नगर परिषद सभापति महावीर मोदी, सुरेन्द्र रावल, सुरेश जेईएन, शिवदत्त शर्मा व अंजू अरोड़ा के विरुद्ध धोखाधड़ी व जालसाजी की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है. पुलिस की ओर से इस मामले में अब जांच शुरू कर दी गई है.

ये था मामला :इस्तेगासे के अनुसार जयपुर निवासी फरियादी अरविंद सिंह ने वर्ष 2010 में मैसर्स वल्लभ नंदा एसोसियेट की ग्राम छत्रपुरा स्थित योजना में एक भूखंड संख्या बी-10 लिया था, जिसके लिए शिवदत शर्मा को 2,59,243 रुपये का भुगतान किया था. इसकी एवज में एसोसिएट के प्लाट नं. बी 10 परिवादी के नाम से आवंटित कर भूखंड का आवंटन पत्र जारी किया गया था. उक्त आवंटन पत्र के आधार पर परिवादी ने रजिस्ट्री कराकर नगर परिषद में पट्टा जारी करने हेतु आवेदन किया. नगर परिषद के कर्मचारी परिवादी को बहाना बनाकर टालते रहे. उस समय परिवादी इनके कुटरचित योजना को समझ नहीं पाया और उनके झांसे में आ गया.

वर्ष 2021 में परिवादी को पता लगा कि उक्त व्यक्ति जबरन भूखंड पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं. जानकारी जुटाने में पता लगा कि तत्कालीन नगर परिषद के चैयरमेन महावीर मोदी, कर्मचारी सुरेन्द्र रावल, सुरेश व शिवदत्त शर्मा ने मिलीभगत व जालसाजी पूर्वक दस्तावेज तैयार कर भूखंड का पट्टा अंजू अरोड़ा के नाम कर दिया, जबकि 20 मई 2016 को उक्त भूखंड संख्या बी 10 का पट्टा नगरपरिषद की ओर से परिवादी के नाम जारी कर दिया गया था, लेकिन 16 जनवरी 2016 को आयुक्त, चेयरमैन महावीर मोदी, शिवदत्त शर्मा, अंजू अरोड़ा, जेईएन सुरेश व सुरेन्द्र रावल ने षडयंत्र व साजिश के तहत आवंटन पत्र जारी करने की दिनांक से पहले ही मूल पट्टे में कांट-छांट कर बैक डेट में पट्टे को निरस्त कर दिया और चेयरमैन व अन्य कर्मचारियों ने सूनियोजित साजिश के तहत 10 जुलाई 2020 को पट्टा अंजू अरोड़ा के नाम जारी कर दिया.

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पूर्व में भी परिवादी ने की थी शिकायत : अरविंद सिंह ने इस्तगासे में बताया कि उक्त मामले को लेकर उनकी ओर से सदर थाने में 15 सितंबर 2022 को रिपोर्ट पेश की थी, लेकिन सदर थाना पुलिस की ओर से कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. सदर थाना पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज नहीं करने पर मामले की सूचना 14 फरवरी 2023 को रजिस्टर डाक पत्र से पुलिस अधीक्षक बूंदी को दी गई, लेकिन उस पर भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. इस पर न्यायालय में इस्तगासा पेश किया गया, जिसके आधार पर न्यायालय ने तत्कालीन नगर परिषद सभापति महावीर मोदी, सुरेन्द्र रावल, सुरेश जैन, शिवदत्त शर्मा निवासी ग्राम मालीपुरा, अंजू अरोड़ा के विरुद्ध मामला दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

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