उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

यूपी में 10 सीटों पर फिर होगा उपचुनाव का सियासी घमासान, जानिए सपा और कांग्रेस के बीच क्या चल रहा है? - UP BY ELECTION

उत्तर प्रदेश की 9 विधायक के सांसद बनने और एक को जेल जाने से उपचुनाव होगा. लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद कांग्रेस और सपा साथ में यह भी चुनाव लड़ेगी. आइए जानते हैं कि दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर क्या रणनीति है.

राहुल गांधी और कांग्रेस.
राहुल गांधी और कांग्रेस. (Photo Credit; Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 18, 2024, 8:44 PM IST

यूपी में जल्द होगा उपचुनाव. (Video Credit; Etv Bharat)

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के बाद अब उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा. ऐसे में एक बार फिर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच मुख्य रूप से सियासी घमासान देखने को मिलेगा. लोकसभा चुनाव में आए परिणामों से इंडिया गठबंधन पूरी तरह से उत्साहित है और भाजपा का प्रदेश से सफाई करने का दावा किया जा रहा है. जबकि भाजपा लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाने और संगठन सरकार के स्तर पर जो खामियां रही, उन्हें दूर करते हुए चुनौतियों से पार पाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है.


सपा और कांग्रेस में सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला बाकीःउपचुनाव में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन होने की बात कही जा रही है.समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अध्यक्ष अखिलेश यादव के स्तर पर हुई शुरुआती बातचीत में कांग्रेस को एक सीट या अधिक दबाव बनाने पर दो दिए जाने पर सहमति जताई गई है. कौन-कौन सी सीट देनी है इसको लेकर कांग्रेस के साथ आने वाले समय में बातचीत की जाएगी. इस आधार पर अंतिम फैसला किया जाएगा. जबकि कांग्रेस पार्टी के स्तर पर विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर आने वाले सप्ताह में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करके समाजवादी पार्टी से सीटों की डिमांड आदि पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. जहां पर कांग्रेस पार्टी स्थिति काफी मजबूत है, वही सीट देने की चर्चा की जा रही है.


अगले महीने हो सकता है चुनाव की घोषणाःबता दें कि यूपी की नौ विधानसभा सीटों से विधायक रहे नेता लोकसभा चुनाव में संसद सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए हैं. ऐसे में इन सीटों पर उपचुनाव होगा. साथ ही कानपुर की एक सीट से विधायक इरफान सोलंकी को सजा मिलने के बाद रिक्त हो गई है. ऐसे में 10 सीटों पर उपचुनाव आने वाले समय में होगा. निर्वाचन आयोग के स्तर पर जुलाई महीने में उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है. 6 महीने के अंदर ही उपचुनाव कर जाने की व्यवस्था है. ऐसे में विधायकों की तरफ से सांसद निर्वाचित होने के बाद विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र भी दिया जा चुका है. इनमें अखिलेश यादव से लेकर अवधेश प्रसाद चंदन चौहान जैसे नवनिर्वाचित सांसदों ने विधानसभा सदस्यता से अपने त्यागपत्र दे दिए हैं.


भाजपा को सभी सीटों पर हराएंगेःसमाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि लोकसभा चुनाव में जीत के बाद इंडिया गठबंधन पूरी तरह से और मजबूती के साथ कामकाज पर ध्यान दे रहा है. यूपी की जनता ने भाजपा को हराने का फैसला कर चुकी है. हम कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर उप चुनाव लड़ेंगे और भारतीय जनता पार्टी को सभी जगह पर हराएंगे. भारतीय जनता पार्टी एक तरीके से लोकसभा चुनाव में बुरी तरीके से हारी है. सीटों के बंटवारे आदि पर आने वाले समय में दोनों दलों के प्रमुख नेताओं के बीच बातचीत में सारी चीज तय हो जाएंगी.

पूरी ताकत के साथ उपचुनाव के मैदान में उतरेंगेःकांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अंशु अवस्थी कहते हैं कि इंडिया गठबंधन पूरी ताकत के साथ उपचुनाव के मैदान में उतरेगी. लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने जीत हासिल की है. भारतीय जनता पार्टी को हमने हारने का काम किया है. विधानसभा के चुनाव में भाजपा का सफाया करने का फैसला कर चुकी है. हम पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे. जहां तक सीट बंटवारे की बात है तो दोनों दलों के नेता आपस में बातचीत करके तय करेंगे.


इन सीटों पर होंगे उपचुनाव
मैनपुरी की करहल सीट, अम्बेडकर नगर की कटेहरी, अयोध्या की मिल्कीपुर, मुरादाबाद की कुंदरकी, गाजियाबाद सदर, प्रयागराज की फूलपुर, मिर्जापुर जिले की मझवा, मुजफ्फरनगर की मीरापुर व कानपुर की कैंट सीट पर उपचुनाव होगा.

इसे भी पढ़ें-दलित परिवार को न्याय दिलाने के लिए चंद्रशेखर पहुंचे अलीगढ़, बोले-यूपी में बोली लगाकर की जा रही हत्या

ABOUT THE AUTHOR

...view details