उत्तरकाशी: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम समेत जानकीचट्टी में अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण एवं सुरक्षा कार्यों के लिए बजट जारी हो गया है. जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने संबंधित विभागों को एसडीआरएफ मद से 42.75 लाख का बजट आवंटित कर दिया है. साथ ही दीर्घकालीन आगणन तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
यमुनोत्री धाम और जानकीचट्टी अतिवृष्टि से मची थी तबाही:गौर हो कि बीते 25 जुलाई की रात को अतिवृष्टि से यमुनोत्री धाम समेत जानकीचट्टी में भारी नुकसान हुआ था. अतिवृष्टि से सिंचाई विभाग के सुरक्षा कार्य, तटबंध, सिंचाई योजनाएं, घाट और घाट क्षेत्र के मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए थे.
गंगोत्री धाम में कांवड़ियों की भीड़ (फोटो सोर्स- Uttarkashi District Administration) इसके अलावा भूस्खलन और मलबा आने से लोनिवि की अस्थाई पुलिया व यमुनोत्री-जानकीचट्टी पैदल मार्ग विभिन्न स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया था.यमुना नदी के कटाव और मलबे के कारण फूलचट्टी-जानकीचट्टी राज्य मार्ग के साथ खरसाली समेत जानकीचट्टी क्षेत्र में पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था.
गंगोत्री धाम में जलस्तर बढ़ने से पहुंचा था नुकसान:वहीं, गंगोत्री धाम में बीती 27 जुलाई को भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ने से सुरक्षा तटबंध क्षतिग्रस्त हुआ था. साथ ही धाम में सामुदायिक और निजी भवनों, आश्रमों समेत घाट क्षेत्र के मार्गों को भी नुकसान पहुंचा था.
गंगोत्री में पुनर्निर्माण का काम (फोटो सोर्स- Uttarkashi District Administration) एसडीआरएफ मद से बजट जारी:वहीं, एसडीआरएफ मद से लोनिवि बड़कोट को 10 लाख, सिंचाई खंड पुरोला को 13.50 लाख, विद्युत वितरण खंड बड़कोट को 10.50 लाख, सिंचाई खंड उत्तरकाशी को 8.75 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है.
इस बीच यमुनोत्री और जानकीचट्टी में नदी के कटाव एवं बाढ़ सुरक्षा के लिए वायरक्रेट स्थापित करने, जानकीचट्टी में नदी को चैनलाइज करने का काम तेज कर दिया गया है. गंगोत्री धाम में भी घाटों से मलबा हटाने के लिए एक छोटी मशीन तैनात की गई है. धाम में आरसीसी तटबंधों के कट्स बंद करने का काम प्रगति पर है. यहां कांवड़ यात्रियों की भीड़ कम होने पर काम में तेजी आने की उम्मीद है.
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