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बृजेंद्र सिंह ने बताई बीजेपी छोड़ने की असली वजह, बोले- कई साल पहले कर चुका था फैसला

Brijendra Singh on BJP: शुक्रवार को बृजेंद्र सिंह ने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में जाने की वजहें बताई. बृजेंद्र सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन, फौजी में अग्निवीर भर्ती, महिला पहलवानों के अलावा कई मुद्दे और भी थे. जिन पर मैं सहमति नहीं रखता था.

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 16, 2024, 7:20 AM IST

Brijendra Singh on BJP
Brijendra Singh on BJP

जींद: बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि बीजेपी छोड़ने का जो फैसला मैंने लिया. वो कोई एक वजह से नहीं लिया. जब बीजेपी ने मुझे टिकट दी, मैं हिसार लोकसभा से जीत कर आया तो, थोड़े समय के बाद ही मुझे लगने लगा था कि भाजपा के साथ मेरे विचार नहीं मिलेंगे. कुछ दिनों के बाद किसान आंदोलन, फौजी में अग्निवीर भर्ती, महिला पहलवानों के अलावा कई मुद्दे और भी थे. जिन पर मैं सहमति नहीं रखता था.

'कई साल पहले कर चुका था बीजेपी छोड़ने का फैसला': उन्होंने कहा कि 2014 से जो पांच साल मोदी सरकार के थे. उसका पूरा एजेंडा खुलना शुरू हो गया था. इससे मेरा मेल नहीं खाता था. बीजेपी छोड़ने का फैसला तो मैंने कई साल पहले ले लिया था, लेकिन मैं नहीं चाहता था कि उप चुनाव हिसार लोकसभा का होने से लोगों पर किसी तरह का बोझ पड़े. जब राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी, तो उस यात्रा के साथ जुड़ने की मन में आई थी.

'जींद रैली में सुनी कार्यकर्ताओं के मन की बात': बृजेंद्र सिंह ने कार्यकर्ताओं से कहा कि जींद में जो रैली थी. वहां पर कार्यकर्ताओं के मन की बात सुन ली थी. जो थाम चाहो थे, वो ही करकै उचाना आया हूं. कार्यकर्ता हमारी सबसे बड़ी ताकत है. 1972 से लेकर आज तक उनके परिवार का पूरा साथ उचाना के लोगों ने दिया है. उचाना के लोग उनके परिवार का हिस्सा है. जब 1977 में पूरे प्रदेश में कांग्रेस की पांच सीट आई थी, तो उस समय उचाना हलके के लोगों ने कांग्रेस से उम्मीदवार रहे उनके पिता चौधरी बीरेंद्र सिंह को जीतने का काम किया. यहां के लोगों राजनीति के हर संघर्ष में उनके साथ होते हैं.

बीजेपी पर साधा निशाना: बृजेंद्र सिंह ने कहा कि यहां के लोगों की बदौलत ही आज राजनीति में अलग पहचान मिली है. चुनाव में फिर आप लोगों के बीच कोई बड़ा झूठ लेकर बाहरी लोग आएंगे. इस तरह के झूठ से लोगों को बचना है. अपने पराए की पहचान हमें करनी होगी. राजनीति ताकत उचाना की हमें किसी बाहरी को नहीं देनी है. यहां से चुनाव जीतने, रैली में भीड़ जुटाने के लिए ये लोग आते हैं. चुनाव के बाद इनको उचाना के लोगों से कोई सरोकार नहीं होता है.

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