एमसीबी में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा पुलिया, जगह-जगह पड़ी दरारें - corruption in MCB - CORRUPTION IN MCB
एमसीबी में चंद माह पहले बनी पुलिया भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. पुलिया में जगह-जगह दरारें पड़ी हुई है. बताया जा रहा है कि पुलिया में घटिया क्वालिटी के प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया गया है.
मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर:छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए अलग-अलग योजनाएं चला रही है. ताकि ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो, हालांकि विकास कार्य अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण पूरे नहीं हो पाते हैं. अगर कहीं कोई काम पूरा भी हो गया तो वो गुणवत्ता हीन होता है. ताजा मामला एमसीबी जिले के जनपद पंचायत खड़गवां के ग्राम पंचायत बंजारीडांढ़ का है. यहां कुछ माह पहले बने पुलिया में दरारे पड़ने लगी है.
एमसीबी में भ्रष्टाचार की भेट चढ़ा पुलिया (ETV Bharat)
चंद माह में पड़ी दरारें:दरअसल, एमसीबी जिले के जनपद पंचायत खड़गवां के ग्राम पंचायत बंजारीडांढ़ में चंद माह पहले मनरेगा के तहत सीसी पुलिया का निर्माण कराया गया था. पुलिया में जगह-जगह दरारें पड़ गई है. गुणवत्ताहीन निर्माण के कारण पुलिया में दरार पड़ी है. बताया जा रहा है कि इस गांव के ग्राम पंचायत के द्वारा जितने भी काम कराए गए हैं, लगभग सभी कामों में गुणवत्ता विहीन निर्माण और भ्रष्टाचार देखने को मिला है.
घटिया क्वालिटी का प्रोडक्ट हो रहा इस्तेमाल:बताया जा रहा है कि पुलिया निर्माण में इस्तेमाल की गई गिट्टी हाथ से तोड़ी हुई उपयोग में लाई जा रही थी. वहीं, रेत की भी क्वालिटी सही नहीं थी. इसी कारण से चंद महीने पूर्व निर्माण की गई पुलिया में कई जगह से दरारें आनी शुरू हो गई है. पुलिया निर्माण से संबंधित इंजीनियर और अधिकारी सही तरीके से निरीक्षण भी नहीं करते हैं, जिसका मुख्य कारण है कि सभी का इन निर्माण कार्यों से मोटा कमीशन जुड़ा हुआ है. इन्हीं सब कारणों से पुलिया का निर्माण गुणवत्ता विहीन हो रहा है.
शासकीय पैसों का हो रहा बंदरबाट:आश्चर्य की बात तो यह है कि ग्राम पंचायत बंजारीडांढ़ में करीब 40 लाख रुपए से पुलिया निर्माण कार्य चल रहा है. मनरेगा के काम में मशीनों का प्रयोग वर्जित है, लेकिन ग्रामीणों की मानें तो ग्राम पंचायत बंजारीडांढ़ के उपसरपंच के द्वारा पुलिया निर्माण में जेसीबी लगाकर खुदाई की गई, लेकिन अधिकारियों और इंजीनियरों को इसकी जानकारी नहीं है. पुलिया का निर्माण करने वाले ठेकेदार भी जितने जल्दी से जल्दी हो सके पुलिया निर्माण कर बिल वाउचर कंप्लीट कर अपनी राशि ले लिए. हालांकि निर्माण सही से नहीं होने से ग्रामीण परेशान हैं. इस बारे में उपसरपंच एवं महिला सरपंच से बात करने का प्रयास किया गया, हालांकि उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. ऐसे में साफ है कि यहां शासकीय पैसों का बंदरबाट हो रहा है और प्रशासनिक अधिकारियों की भी इसमें मिलीभगत है.