धनबाद: जिले का स्वास्थ्य विभाग इन दिनों भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. यहां एएनएम से 5 हजार रिश्वत मांगा जा रहा है. पिछले दिनों चौकीदार बहाली में भी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के नाम पर पैसे वसूलने के आरोप लगे थे. वहीं अब एएनएम सर्टिफिकेट के लिए पांच हजार रुपए घूस की मांग का आरोप लगा है. मामले को लेकर सिविल सर्जन सीवी प्रतापन से बात करने पर वह आग बबूला हो गए.
छात्राओं का बयान (ईटीवी भारत) दरअसल, अलग-अलग जिले से एएनएम पास आउट छात्राएं आज सर्टिफिकेट लेने के लिए पहुंची थीं. सिविल सर्जन कार्यालय में पहुंची छात्राओं ने बताया कि वह एएनएम पास आउट कर चुकी हैं. आज सर्टिफिकेट देने के लिए बुलाया गया है. छात्रों ने कहा कि वे सुबह के 11 बजे पहुंची हैं और शाम हो चुकी है लेकिन अब तक सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है.
साहिबगंज से पहुंची शिवानी कुमारी ने कहा कि मार्च 2024 में फाइनल परीक्षा हुई थी. 20 से अधिक छात्राएं आज सर्टिफिकेट लेने के लिए पहुंची हैं. सदर अस्पताल के नर्सिंग स्कूल की प्रभारी प्राचार्य अर्चना खाका के द्वारा सर्टिफिकेट देने के एवज में 5 हजार रुपए रिश्वत की मांग की जा रही है. चार पांच लड़कियों के द्वारा पैसे देकर सर्टिफिकेट लिया गया है. मामले की शिकायत सिविल सर्जन से की है. सिविल सर्जन समस्या का समाधान करने की बात कही है.
वहीं, बोकारो से आई ममता कुमारी ने कहा कि एएनएम की सर्टिफिकेट लेने के लिए वह यहां पहुंची है. उन्होंने बताया कि सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है. सर्टिफिकेट देने के बदले में 5 हजार रुपए की मांग की जा रही है. 5 छात्राओं से पांच रुपए लेकर उन्हें सर्टिफिकेट दिया गया है.मामले को लेकर जब सिविल सर्जन सीवी प्रतापन से पूछा गया तो वह आग बबूला हो गए. उन्होंने अपने हाथों से माइक पकड़कर हटा दिया. पूछने पर उन्होंने कहा कि पहले हमें चिट्ठी दीजिए. पहले आरोप पत्र दीजिए, आप दस हजार रुपए का भी आरोप लगा सकते हैं. ये भी पढ़ें:
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