उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

आंखों की रोशनी छिनी, जीवन संगिनी का साथ छूटा, जानिए नेट में सफल दृष्टिहीन सुनील की संघर्ष गाथा

फतेहपुर में दृष्टिहीन सुनील कुमार ने एक लंबे संघर्ष के बाद नेट क्वालीफाई कर लिया है. सुनील पर एक के बाद एक विपत्ति आती रही लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.

ि्
ि्

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 28, 2024, 3:53 PM IST

फतेहपुर में दृष्टिहीन सुनील कुमार ने एक लंबे संघर्ष के बाद नेट क्वालीफाई कर लिया है.

फतेहपुर :एक लंबे संघर्ष के बाद दृष्टिहीन सुनील ने यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) नेट क्वालीफाई कर लिया है. पहले हादसे में दोनों आंखों की रोशनी गई, फिर परिवार में चार मौतें, लेकिन सुनील का हौसला नहीं टूटा. नेट में सफलता के बाद सुनील असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के योग्यताधारी हो गए हैं. सुनील के परिवार में उनके अलावा बढ़ी मां ही हैं.

एक के बाद टूटा दुखों का पहाड़

शहर के जेल चौकी क्षेत्र स्थित काशीराम कॉलोनी में रहने वाले सुनील कुमार सोनी (35) दृष्टिहीन हैं. वह पिता कृष्ण कुमार, माता रामलक्ष्मी, बड़े भाई अनिल कुमार, भाभी सुधा सोनी, पत्नी सरस्वती सोनी और दो बहनों रूपरानी व राजरानी के साथ गढरियान पुरवा मोहल्ला में रहते थे. दोनों बहनों की शादी हो चुकी है. बचपन से आंखों की रोशनी कम रही फिर भी पढ़ाई में हमेशा आगे रहे. लेकिन अचानक एक के बाद एक उनके जीवन में हादसे होते रहे. बड़े भाई अनिल कुमार की बीमारी के कारण 2018 में मौत हो गई. उसके बाद 13 अक्टूबर 2022 को पिता कृष्ण कुमार का निधन हो गया. इसके 8 दिन बाद भाभी सुधा ने भी दुनिया छोड़ दी. सुनील साल 20212 में छत से गिरने के कारण आंखों की रोशनी पहले ही जा चुकी थी. इसके बाद मां और पत्नी के साथ वह घर छोड़ दिया. परिवार काशीराम कॉलोनी में रहना लगा. यहां भी दुर्भाग्य ने पीछा नहीं छोड़ा. पत्नी सरस्वती की ब्लड कैंसर से 31 मार्च 2021 को मौत हो गई. पिता, बड़े भाई, भाभी और पत्नी की मौत बाद सदमा में जहर खा लिया, लेकिन किस्मत से जान बच गई. कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान मां-बेटे को संस्था चलाने वाले हिमांशु ने राशन उपलब्ध कराया.

संस्था संचालक हिमांशु ने बढ़ाया मदद का हाथ

सुनील बताते हैं कि संस्था के संचालक हिमांशु ने उनकी पढ़ाई के बारे में सुना तो उन्होंने मदद की. बिना दृष्टि कैसे पढ़ाई की जाती है, इसकी जानकारी देने के साथ दो बार यूजीसी नेट में सहायक के रूप में अपने भाई और एक व्यक्ति को भेजा. इस बार कानपुर में 11 दिसंबर 2023 को परीक्षा में सफलता मिली और और अब जाकर असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की योग्यता का प्रमाण मिल गया है. संस्था के संचालक हिमांशु ने बताया कि दृष्टिहीन सुनील कुमार ने यूजीसी नेट पास कर असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की योग्यता प्राप्त कर ली है.

यह भी पढ़ें : UP Police Recruitment 2023: यूपी पुलिस में SI व ASI के 921 पदों के लिए आज आवेदन का आखिरी मौका, गलती सुधारने को दो दिन

यह भी पढ़ें : बी चन्द्रकला सहित दो IAS अधिकारियों का हुआ ट्रांसफर, यहां मिली नई पोस्टिंग

ABOUT THE AUTHOR

...view details