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ब्लाइंड स्पास्टिक स्कूल को तीन साल से नहीं मिला कोई फंड, अभाव में पढ़ाई करने को मजबूर नेत्रहीन बच्चे - sahibganj blind school

Blind Spastic School in Sahibganj. साहिबगंज के ब्लाइंड स्पास्टिक आवासीय विद्यालय को तीन सालों से फंड नहीं दिया गया है. इस कारण इसमें रहने वाले बच्चों को काफी कठिनाई से पढ़ाई करनी पड़ रही है. स्कूल भवन भी काफी जर्जर हो चुकी है.

Blind Spastic School Sahibganj
Blind Spastic School Sahibganj

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 21, 2024, 12:58 PM IST

ब्लाइंड स्पास्टिक स्कूल को तीन साल से नहीं मिला कोई फंड

साहिबगंज: जिला मुख्यालय के पुराने नवोदय विद्यालय में संचालित ब्लाइंड स्पास्टिक आवासीय विद्यालय को राज्य सरकार ने तीन साल से फंड नहीं दिया है. यह स्कूल 2019 से समाज कल्याण की देखरेख में संस्था द्वारा चलाया जाता है. कोरोना काल के दौरान एक बार इस स्कूल को शिक्षकों और पढ़ने वाले बच्चों के भोजन के लिए पैसे मिले थे. इसके बाद से अभी तक कोई राशि नहीं मिली है. हालांकि संस्था लगातार जिला प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत करा रही है, लेकिन कोई खास लाभ नहीं मिल रहा है.

किसी तरह इसे गोड्डा की विकास युवा संगठन नाम की संस्था आगे बढ़ा रही है. इस विद्यालय का आवासीय भवन भी काफी जर्जर स्थिति में है. इस भवन को मरम्मत की जरूरत है. स्थिति यह है कि बच्चों को पढ़ने के लिए अलग से क्लास रूम तक नहीं है. बच्चे जहां रहते हैं, वे वहीं पढ़ने को मजबूर हैं.

83 बच्चे करते हैं पढ़ाई

इस स्कूल की बात करें तो इसमें कुल 83 बच्चे हैं. जिसमें 35 बच्चे दृष्टिबाधित और 47 मानसिक रूप से कमजोर लड़के-लड़कियां हैं. यहां पहली से पांचवीं तक की पढ़ाई होती है. इस स्कूल में कुल 13 स्टाफ हैं, जिनमें से पांच स्थायी हैं और पांच आते-जाते रहते हैं. वहां तीन रसोइये हैं. इस स्कूल में दृष्टिबाधित बच्चों को ब्रेल लिपि के माध्यम से पढ़ाया जाता है, इसके लिए दो शिक्षक हैं. जबकि मानसिक रूप से विक्षिप्त बच्चों को सामान्य शिक्षा दी जाती है, इनके लिए भी दो शिक्षक हैं. इन बच्चों को संस्था की ओर से यूनिफॉर्म दी जाती है. बाकी कपड़े बच्चों के अभिभावक को देने होते हैं. इस स्कूल में 90 फीसदी बच्चे पहाड़िया जनजाति के हैं.

वार्डन ने क्या कहा

आवासीय विद्यालय के वार्डेन राज किशोर राय ने बताया कि तीन वर्षों से राशि नहीं मिली है. बच्चों के खाने-पीने का इंतजाम बड़ी मुश्किल से हो रहा है. भवन जर्जर है. इस संबंध में कई बार पत्र लिखा जा चुका है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिलेवासियों से अपील है कि वे अपने घर की खुशियां इन बच्चों के बीच फैलाएं ताकि उन्हें लाभ मिल सके. उन्हें कपड़े और पढ़ने की सामग्री की तत्काल आवश्यकता है.

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