श्रीगंगानगर. जिले के सूरतगढ़ वन क्षेत्र में काले हिरण के शिकार के मामले ने लोगों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है. रविवार दोपहर से शुरू हुआ धरना रात भर से जारी है. प्रदर्शनकारी जिला वन अधिकारी (डीएफओ) और सूरतगढ़ वन रेंजर को सस्पेंड करने की मांग पर अड़े हुए हैं. प्रशासन की और से दो बार वार्ता हुई लेकिन दोनों ही बार विफल रही.
डीएफओ और वन रेंजर को सस्पेंड करने की मांग:जीव रक्षा दल के मुकेश सुथार ने बताया कि धरने पर बैठे लोग श्रीगंगानगर डीएफओ दिलीप राठोड़ और सूरतगढ़ रेंजर वेदप्रकाश को हटाने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ साथ शिकारियों को पकड़ने और शिकार की घटनाओ को रोकने की मांग भी की जा रही है. धरने पर बैठे लोग प्रशासन वन विभाग के सीसीएन और जिला कलक्टर को वार्ता के लिए बुलाने की मांग पर भी अड़े हुए हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने उन अधिकारियों को वार्ता के लिए भेज दिया जिनके सस्पेंशन की मांग की जा रही है. रविवार शाम को प्रशासन की ओर से दो बार वार्ता की कोशिश की गई, लेकिन दोनों बार असफलता ही हाथ लगी. इसके बाद लोग हिरण के शव के साथ रात भर धरने पर बैठे रहे. गौरतलब है कि शनिवार सुबह सूरतगढ़ के 9 डीबीएन की रोही में एक घायल हिरण मिला था, जिसे गोली लगी हुई थी. जब हिरण को अस्पताल ले जाया जा रहा था, तो उसने रास्ते में दम तोड़ दिया, जिसके बाद वन्यजीव प्रेमियों में आक्रोश फैल गया और धरना शुरू कर दिया गया.
पूर्व में भी हो चुकी हैं शिकार की घटनाएं : श्रीगंगानगर जिले में हिरणों के शिकार की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं. लोगों का कहना है कि वन विभाग इन घटनाओं के प्रति संवेदनशील नहीं है. पिछले दो महीनों में दो बार हिरणों के शिकार की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. लोगों का आरोप है कि घटना की सूचना देने पर भी वन विभाग की टीम हमेशा देरी से पहुंचती है.