नई दिल्ली:दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा ‘जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना’ को फिर से शुरू किए जाने की घोषणा को चुनावी स्टंट बताया. उन्होंने कहा कि एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के छात्रों की झूठी सहानुभूति बटोरने की ये नाकाम कोशिश है.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी चुनाव सामने देखकर इस तरह की योजनाओं को शुरू करने की घोषणा कर देती है. वहीं, चुनाव खत्म होते ही इस तरह की योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है. ‘जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना’ को 2019 में विधानसभा के चुनाव के मद्देनजर शुरू किया गया था और अंतर्विरोधों के कारण इसे निष्क्रिय कर दिया गया. इस योजना के तहत एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के छात्रों को सिविल सर्विसेज व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए 2500 रुपये प्रति माह आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने का प्रावधान था.
नेता विपक्ष ने आरोप लगाया कि इस योजना के तहत आम आदमी पार्टी के चहेते संस्थानों को इस योजना में शामिल करके उन्हें लाखों रुपए का फायदा पहुंचा कर भ्रष्टाचार कर लिया गया. फिर अंदरूनी विरोधों के चलते इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. यह योजना कुछ चुनिंदा संस्थाओं को लाभ पहुंचाने के लिए चलती रही और जब आर्थिक उद्देश्य पूरे हो गए तो इसे ‘म्यूट’ कर दिया गया. जिन लोगों को इनका लाभ मिलना चाहिए था उन्हें इसका लाभ नहीं मिला.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि लाभार्थियों को अपने पैसे के लिए हाई कोर्ट की शरण लेनी पड़ी. कोर्ट ने 10 जुलाई 2024 को संबंधित विभाग को आदेश दिया कि जिन 420 छात्रों को इस योजना के तहत आर्थिक सहायता नहीं मिली है उन्हें जल्दी ही यह सहायता उपलब्ध करवाई जाए. लेकिन यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार इस मामले में कोताही बरत रही है और छात्र और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स इधर से उधर सहायता राशि प्राप्त करने के लिए दौड़ रहे हैं.
केजरीवाल पर साधा निशाना: विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल के उस बयान पर भी हैरानी जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा ने इस योजना को बंद करवा दिया. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए दूसरों पर दोष डालने की पुरानी आदत है.
विजेंद्र गुप्ता ने सवाल किया कि आम आदमी पार्टी के नेताओं को हमेशा चुनाव सामने देखकर ही गरीबों और वंचितों की याद क्यों आती है?. 2020 के चुनाव से पहले और अब 2025 के चुनाव से पहले इनका वंचितों के प्रति प्रेम अचानक जागृत हो जाता है. उन्होंने आशंका जताई है कि इस योजना को दोबारा शुरू करने की केजरीवाल की घोषणा का हश्र भी पहले की तरह ही होगा. 2025 के विधानसभा चुनाव के बाद इस योजना को फिर से कोई ना कोई बहाना बनाकर बंद कर दिया जाएगा. उन्होंने मांग की कि इस योजना के अंतर्गत ‘पर्दे के पीछे’ जो खेल खेला गया, उसकी गहराई से जांच की जानी चाहिए.
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