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झारखंड की ये चार सीट बीजेपी के लिए काफी अहम, जीतने के लिए कुछ इस तरह बनी है रणनीति - Lok Sabha Election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

BJP strategy for LS election. बीजेपी पिछले कई महीनों से लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगी हुई है. एक-एक सीट पर फोकस कर रणनीति तैयार की गई है. झारखंड में 13 मई को होने वाले चार लोकसभा सीटों के लिए बीजेपी ने खास रणनीति तैयार की है, क्योंकि ये चारों सीट उनके लिए काफी अहम है.

BJP strategy for LS election
BJP strategy for LS election

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 22, 2024, 3:58 PM IST

बीजेपी नेता प्रदीप सिन्हा

रांची: झारखंड में 13 मई को लोकसभा की चार सीटों पर होने वाले चुनाव राजनीतिक मायनों में काफी अहम है. इन सीटों में सिंहभूम को छोड़कर शेष तीन पर बीजेपी का कब्जा है. बीजेपी इस बार इस संकल्प के साथ चुनाव मैदान में उतरी है कि ना केवल ये चार सीट बल्कि झारखंड की सभी 14 सीटों को हर हाल में जीता जाय.

बात यदि लोकसभा चुनाव के चौथे और झारखंड के पहले चरण में होनेवाले सिंहभूम, खूंटी, लोहरदगा और पलामू सीट की करें तो यह राजनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण सीट माना जाता है. बात यदि कोल्हान की करें तो बीजेपी के लिए 2019 के ना केवल लोकसभा चुनाव बल्कि विधानसभा चुनाव में भी निराशा हाथ लगी थी. इस वजह से झारखंड की गद्दी से उसे दूर होना पड़ा.

जनजाति बहुल इस क्षेत्र में बीजेपी के प्रति बेरुखी को ध्यान में रखते हुए बीजेपी बीते वर्षों में लगातार ट्रायबल वोटरों का विश्वास जीतने में जुटी है. इसके अलावा सिंहभूम सीट से पिछली बार बीजेपी को हराने में सफल रहीं गीता कोड़ा को आखिरकार कांग्रेस से तोड़कर बीजेपी में शामिल कराने में पार्टी सफल रही. बीजेपी को उम्मीद है कि सिंहभूम सीट पर इस बार बीजेपी का कमल लेकर चुनाव मैदान में उतरी गीता कोड़ा जरूर सफल होंगी. गीता कोड़ा की छवि इस क्षेत्र में साफ सुथरी है और जिस जाति से वो आती हैं उनकी बड़ी आबादी उस संसदीय क्षेत्र में निवास करती है जिसका लाभ बीजेपी को मिलेगा.

खूंटी, लोहरदगा और पलामू सीट फिर जीतेंगे- बीजेपी

सिंहभूम के अलावा सबकी नजर खूंटी सीट पर है जहां से केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं. इस सीट पर 2019 के चुनाव में बहुत ही कम अंतर से अर्जुन मुंडा जीते थे. खूंटी बीजेपी का पुराना सीट रहा है जहां से कड़िया मुंडा जीतते रहे हैं. सामाजिक स्थिति का आकलन करें तो इस संसदीय क्षेत्र में क्रिश्चन और मुस्लिम वोटर की संख्या सर्वाधिक है. इसके बाबजूद बीजेपी का कमल यहां से खिलता रहा है.

बीजेपी नेता प्रदीप सिन्हा भी मानते हैं कि यह सीट काफी महत्वपूर्ण है जहां बीजेपी वोटर कम हैं . मगर सर्वाधिक बीजेपी के विरोधी होने के बाबजूद बीजेपी जीतती रही है. इस बार भी चुनाव मैदान में मुझे विश्वास है कि विरोधी भी अर्जुन मुंडा के 5 सालों के विकास के कार्यों को ध्यान में रखकर मतदान करेंगे और वे चुनाव जीतेंगे.

लोहरदगा सीट की बात करें तो बीजेपी ने इस सीट पर इस बार प्रत्याशी बदला है. सुदर्शन भगत के स्थान पर समीर उरांव को चुनाव मैदान में उतारा है. जनजातीय बहुल इस क्षेत्र में कमल खिलाने के लिए एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. पन्ना प्रमुख से लेकर मंडल स्तर के कार्यकर्ता और नेता को विशेष रूप से जिम्मेदारी दी गई है.

लोहरदगा सीट पर भी 2019 के चुनाव में बहुत ही कम मार्जिन से बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. इस लिहाज से यहां चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. बात यदि पलामू की करें तो एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने बीडी राम को चुनाव मैदान में उतारा है. इस सीट पर पिछली बार बीडी राम ने अच्छी खासी वोट से विरोधियों को शिकस्त दी थी. एससी बहुल इस संसदीय क्षेत्र को लेकर बीजेपी जीत के प्रति पूरी तरह से आस्वस्त है.

चारों सीटों को जीतने के लिए बीजेपी ने बनाई स्ट्रेटजी

झारखंड के इन चारों सीटों को जीतने के लिए बीजेपी ने स्ट्रेटजी तैयार कर रखी है. मिशन लोटस के जरिए गीता कोड़ा को बीजेपी में शामिल कराने के बाद विस्तृत चुनावी कार्यक्रम तय किए गए हैं जिसके तहत बड़े नेताओं के चुनावी सभा से लेकर पन्ना प्रमुख और बूथ कमेटी को विशेष रूप से जिम्मेदारी दी गई है. नामांकन के वक्त केंद्र और प्रदेश स्तर के बड़े नेता चारों लोकसभा क्षेत्र में उपस्थित रहेंगे.

अर्जुन मुंडा के नामांकन के वक्त मंगलवार 23 अप्रैल को राजनाथ सिंह और बीडी राम के नामांकन के वक्त वीके सिंह उपस्थित रहेंगे. गीता कोड़ा के नामांकन के दौरान सोमवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी शामिल हुए. केंद्रीय नेताओं में पीएम मोदी से लेकर अमित शाह तक के चुनावी दौरे इन क्षेत्रों में होगी जिसमें रोड शो के साथ-साथ चुनावी सभा को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

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