मुजफ्फरपुर: उत्तर बिहार की सांस्कृतिक राजधानी मुजफ्फरपुर में इस बार लोकसभा चुनाव काफी रोचक हो गया है. मुजफ्फरपुर से लगातार दो बार सांसद रहे अजय निषाद को भाजपा ने टिकट नहीं दिया. जिसके बाद वो बागी हो गए. दो अप्रैल को उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया. अब कांग्रेस ने उन्हें मुजफ्फरपुर से अपना प्रत्याशी बनाया है. अजय निषाद ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में 2014 और 2019 में बड़े अंतर से जीत हासिल की थी.
'मेरे साथ नाइंसाफी हुई'-अजयः लोकसभा चुनाव 2019 में अजय निषाद ने विकासशील इंसान पार्टी के जिस राजभूषण चौधरी निषाद को 4 लाख के अंतर से हराया था, बीजेपी ने इस बार उन्हीं को अपना प्रत्याशी बनाया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा 'मेरे साथ नाइंसाफी हुई है. इस बात को लेकर जनता के बीच में जायेंगे. जनता का प्यार मिल रहा है. जनता का समर्थन मिल रहा है.'
किसकी लगेगी हैट्रिकः मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से इस बार एक रोचक आंकड़ा जुड़ गया है. भाजपा और अजय निषाद में से किसी एक की हैट्रिक लगनी तय है. अगर अजय निषाद चुनाव जीतते हैं तो उनकी हैट्रिक होगी. वहीं अगर राजभूषण निषाद चुनाव जीतते हैं तो भारतीय जनता पार्टी की हैट्रिक जीत कहलाएगी. अजय निषाद के हैट्रिक लगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब यह जनता तय करेगी. वहीं, लोगों की नाराजगी के सवाल पर अजय निषाद ने कहा कि जिनकी नाराजगी है उसे दूर करेंगे.
एयरपोर्ट के लिए किया था पत्राचारः चुनाव का मुद्दा क्या रहेगा, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुद्दा तो विकास का ही रहेगा. मुजफ्फरपुर के लोगों की एयरपोर्ट की मांग पर उन्होंने कहा कि जमीन के अभाव एयरपोर्ट नहीं बना है. उन्होंने कहा कि जबतक राज्य सरकार जमीन नही देगी एयरपोर्ट नही बन पाएगा. उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट निर्माण के लिए प्रयास किया था. जो पत्राचार किया था वो आज भी उनके पास है.
अजय निषाद के पिता लगा चुके हैं हैट्रिक: निवर्तमान सांसद अजय निषाद के पिता कैप्टन जय नारायण प्रसाद निषाद के नाम पर हैट्रिक दर्ज है. 1996 से 1999 के बीच तीन बार उन्होंने अलग-अलग दलों से जीत दर्ज की. वह 1996 में जनता दल, 1998 में राष्ट्रीय जनता दल और 1999 में जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर जीत दर्ज की थी. फिर 2009 में भी उन्होंने जदयू के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता था. उसके बाद जय नारायण निषाद के बेटे अजय निषाद भाजपा के टिकट पर 2014 और 2019 में संसद पहुंचे थे.