शिमला:बालीवुड क्वीन और अब मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कृषि कानूनों पर दिए अपने बयान को वापस ले लिया है. कंगना ने अपने बयान को लेकर खेद भी जताया है. वहीं, पार्टी ने भी उनके बयान से किनारा करते हुए उसे कंगना की निजी राय बताया और कहा कि ऐसे किसी भी बयान के लिए वो अधिकृत नहीं हैं. इधर, हरियाणा के साथ ही जेएंडके में चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में कृषि कानूनों पर बयान देकर कंगना ने अपनी ही पार्टी को जटिल परिस्थितियों में डाल दिया.
कंगना ने बयान पर जताया खेद
कंगना के बयान के बाद पार्टी ने उन्हें परोक्ष रूप से ऐसे बयान देने से परहेज करने को कहा. उसके बाद मंडी की सांसद ने उस पर खेद जताया और कहा, "हाल ही में मीडिया ने मुझसे कृषि कानूनों पर सवाल किए थे. मैंने जवाब में कृषि कानून वापस लेने का सुझाव दिया. मेरे इस बयान से बहुत से लोग निराश हैं. हालांकि कुछ ने समर्थन भी किया. हमारे प्रधानमंत्री जी ने बड़ी ही संवेदनशीलता से और सहानुभूति से कानून वापस लिए हैं. हम सभी पार्टी कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि उनके (पीएम) के शब्दों की गरिमा का ध्यान रखें. मुझे ये भी ध्यान रखना होगा कि मैं केवल कलाकार ही नहीं, बल्कि भाजपा की कार्यकर्ता हूं. मेरी राय अपनी नहीं, पार्टी की होनी चाहिए. अगर मैंने अपने शब्दों से किसी को निराश किया है तो हम अपने शब्द वापस लेते हैं." उल्लेखनीय है कि कंगना ने तीन कृषि कानून, जिन्हें पीएम नरेंद्र मोदी ने वापस लिया था, के लिए कहा था कि ये किसानों के हित में हैं.
पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने बताया निजी बयान
वहीं, भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कंगना के बयान को निजी बताया है. गौरव भाटिया ने बाकायदा एक वीडियो जारी कर कृषि कानून पर दिए बयान को कंगना का निजी बयान बताया है. साथ ही कहा कि पार्टी ने उन्हें ऐसे किसी बयान के लिए अधिकृत नहीं किया है.