पटना:पटना साहिब से बीजेपी विधायकनंद किशोर यादवने बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाल ली है. एनडीए की नई सरकार बनने के बाद अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नंद किशोर यादव की तरफ से ही लाया गया था. बाद में तत्कालीन अध्यक्ष के खिलाफ एनडीए के 125 विधायकों ने वोट किया था, जिस वजह से अवध बिहारी को विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी छोड़नी पड़ी.
नंद किशोर यादव ने संभाली स्पीकर की कुर्सी:नंद किशोर यादव ने 13 फरवरी को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नॉमिनेशन किया था. उनके खिलाफ विपक्ष ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा, जिस वजह से वह निर्विरोध चुन लिए गए. वहीं चयन के बाद नेता सदन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मिलकर उनको आसन तक पहुंचाया.
संघ सेवक से लेकर जेपी आंदोलन में जेल भी गए:नंद किशोर यादव बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. वर्ष 1969 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे. 1971 में विद्यार्थी परिषद के सक्रिय सदस्य के रूप में काम करने लगे. 1974 में जेपी आंदोलन में भी सक्रिय रहे और 1974-76 के बीच 15 महीने जेल में भी रहे. 1978 में पटना नगर निगम के पार्षद बने. 1982 में ही पटना नगर निगम के उप महापौर बने. वहीं वर्ष 1983 में बीजेपी के पटना महानगर के अध्यक्ष चुने गए. भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी बने.
1995 में विधायकी का चुनाव जीते: 1995 में वह पटना पूर्वी क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक बने. 1995 से 98 तक बीजेपी के प्रदेश महामंत्री रहे. 1998 से 2003 तक बिहार बीजेपी के अध्यक्ष भी बने थे. 2000 में फिर से पटना पूर्वी से दूसरी बार विधायक चुने गए. 2005 में पटना पूर्वी से तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए और 2005 में ही दोबारा जब विधानसभा का चुनाव हुआ तो फिर से चौथी बार विधायक चुने गए.