चंडीगढ़ :हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपने फैसले को फिर से बदला है. बीजेपी ने 10 अगस्त को प्रदेश चुनाव समिति और प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का ऐलान किया था. प्रदेश चुनाव समिति में प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडौली के अलावा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्रियों मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत सिंह और कृष्ण पाल गुर्जर समेत कुल 20 नेताओं को जगह दी गई है लेकिन हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज का नाम इस लिस्ट में नहीं था जिसे लेकर खासी चर्चा हो रही थी.
अनिल विज का जोड़ा गया नाम :आज जारी की गई प्रदेश चुनाव समिति की लिस्ट में हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को शामिल किया गया है. इससे पहले जारी की गई सूची में उनका नाम नहीं था. हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने आज सुबह ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री और हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के दिल्ली स्थित निवास पर जाकर उनसे मुलाकात की थी. सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने अपनी नाराज़गी जाहिर की थी जिसके बाद बीजेपी ने अपने फैसले में फेरबदल करते हुए अनिल विज का नाम चुनाव समिति की लिस्ट में जोड़ डाला.
पंजाबी वोट बैंक जाने का डर :आपको बता दें कि मनोहर लाल के दिल्ली जाने के बाद हरियाणा में बीजेपी के पास कोई बड़ा पंजाबी चेहरा नहीं रह गया है. ये बात राजनीतिक गलियारों में कही जाती है. अनिल विज अपनी साफ सुथरी छवि की वजह से भी हरियाणा के लोगों के बीच अपनी अहम पहचान रखते हैं. वे एक बड़े पंजाबी नेता के तौर पर भी जाने जाते हैं. कहीं न कहीं बीजेपी को उनका नाम सूची में न डालने से पंजाबी वोट बैंक के हाथ से जाने का खतरा दिखाई दिया. वहीं कांग्रेस भी लगातार पंजाबी वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में जुटी है. ऐसे में अनिल विज का नाम सूची में आना बीजेपी की रणनीति और पंजाबी वोट बैंक के खिसकने के खतरे को भांपते हुए उठाया गया कदम भी माना जा सकता है.