हिसार :हरियाणा चुनाव में कोई जीता तो कोई हारा. लेकिन हार की तकलीफ क्या होती है ये कोई कुलदीप बिश्नोई से पूछे. 57 साल बाद आदमपुर से भजनलाल परिवार की हार हुई है.
फूट-फूटकर रोए कुलदीप बिश्नोई :हिसार के आदमपुर से बीजेपी के टिकट पर कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई की मंगलवार को आए चुनावी नतीजों में हार हुई है. इस जोरदार झटके के बाद पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई आदमपुर मंडी में पहुंचे. इस दौरान वे जनता से रुबरु हुए और बोलते-बोलते उनकी आंखों में आंसू आ गए और वे लोगों के बीच रोने लगे. वहां मौजूद लोगों ने उन्हें रोता हुआ देखा तो कहा कि आप रोइए नहीं हम आपके साथ है. इस दौरान लोगों ने चौधरी भजनलाल अमर रहे के नारे भी लगाने शुरू कर दिए. वहीं मौके पर मौजूद उनके बेटे भव्य बिश्नोई ने अपने पिता को सांत्वना दी. वहीं बहू परी बिश्नोई और पत्नी रेणुका बिश्नोई ने कुलदीप बिश्नोई को बड़ी मुश्किल से संभाला. इसके बाद कुलदीप ने कहा कि हमें मायूस नहीं होना है. हम अच्छे ढंग से आगे बढ़ेंगे और चौधरी भजनलाल के सपनों को साकार करेंगे. आप सब लोगों ने मिलकर लगातार आदमपुर में मेहनत की है. कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि वे सबका दिल से आभार जताते हैं.
भजनलाल परिवार का गढ़ रहा है आदमपुर :आपको बता दें कि आदमपुर सीट से चौधरी भजनलाल और उनके परिवार के लोग लगातार जीतते आए हैं. पहली बार 1967 में चौधरी भजनलाल जीते थे. लेकिन इस बार पूर्व आईएएस अधिकारी चंद्रप्रकाश ने कांग्रेस के टिकट पर कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को हरा डाला. चंद्र प्रकाश स्व. चौ भजनलाल के करीबी रहे रामजीलाल के भतीजे हैं. भजनलाल को ओबीसी वोटर्स का फायदा रामजीलाल के कारण मिलता रहा है.