लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 में खराब प्रदर्शन के 6 महीने बाद भारतीय जनता पार्टी ने यूपी उपचुनाव में वापसी की है. उपचुनाव में भाजपा ने सात सीटों पर जीत हासिल की है. इनमें से दो वह सीटें भी हैं जो विधानसभा चुनाव 2022 में सपा के खाते में थी. यहीं नहीं, लोकसभा चुनाव 2024 के मुकाबले बीजेपी को इन 9 सीटों पर 15 प्रतिशत अधिक वोट मिले हैं. लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर 39% के करीब वोट भाजपा को मिले थे. जबकि उपचुनाव में 54% फीसदी वोट भाजपा को मिले हैं. यह वोटिंग परसेंटेज तब बढ़ा है, जब वोट कम पड़े. वहीं, मुस्लिम बाहुल्य मुरादाबाद की कुंदरकी सीट को भी भाजपा ने अपने पाले में ले लिया है, जो अपने आप में रिकॉर्ड है. क्योंकि मुस्लिम बाहुल्य होने के नाते इस सीट से सपा और बसपा के उम्मीदवार जीत दर्ज करते रहे हैं.
कुंदरकी में बीजेपी को मिले 80 फीसदी वोट
राजनीति विशेषज्ञों का मानना है कि कुंदरकी सीट पर लगभग 55 से 60% मुस्लिम आबादी है. इसके बावजूद भाजपा ने लगभग 80% वोट प्राप्त किए हैं. इसका स्पष्ट अर्थ है कि मुसलमान ने बड़ी संख्या में भाजपा को वोट दिया है. मुसलमान में इतना बड़ा हृदय परिवर्तन कैसा हुआ इसको लेकर तर्क वितर्क चल रहे हैं. दूसरी और गाजियाबाद सीट पर भी बीजेपी ने लगभग 80% वोट प्राप्त किए हैं. कुंदरकी सीट से करीब 31 साल बाद भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली है. 1993 में भाजपा प्रत्याशी चंद्र विजय सिंह ने जीत दर्ज की थी. 1996 विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी अकबर हुसैन ने जीते थे. इसके बाद 2002 में समाजवादी पार्टी से मोहम्मद रिजवान विधायक चुने गए थे. 2007 चुनाव में फिर बसपा के अकबर हुसैन विधायक बने थे. इसके बाद 2012, 2017 और 2022 में इस सीट से सपा ही जीत रही थी. उपचुनाव में भाजपा ने सपा के विजयी रथ को रोकर रिकॉर्ड बनाया है.