नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मुलाकात की और बीएसईएस के दो पावर डिस्कॉम्स के कामकाज में घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच और कार्रवाई की मांग की. प्रतिनिधिमंडल में वीरेंद्र सचदेवा के अलावा, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, योगेंद्र चंदोलिया, कमलजीत सेहरावत, प्रवीण खंडेलवाल और मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर भी शामिल थे.
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने मेमोरेंडम सौंपने के बाद कहा कि दिल्ली के तीन पावर डिस्कॉम्स एकसी शर्तों पर बिजली खरीदते और बेचते हैं, लेकिन एक लाभ में है जबकि अन्य दो नुकसान में हैं और वे दिल्ली सरकार की दो पावर जनरेशन कंपनियों प्रगति पावर और इंद्रप्रस्थ पावर को अपने बकाया का भुगतान नहीं कर रहे हैं. इसकी जांच होनी चाहिए. सचदेवा ने कहा कि बीएसईएस डिस्कॉम्स द्वारा नियामक संपत्तियों को बनाए रखने और दिल्ली सरकार की बिजली कंपनियों के बकाया का भुगतान न करने पर दिल्ली सरकार की चुप्पी इस ओर संकेत करती है कि दिल्ली सरकार की इसमें मिलीभगत हो सकती है और सत्ताधारी दल को किक बैक मिल रहे हों.
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि बीएसईएस डिस्कॉम्स पिछले 11 वर्षों से बिजली बेचते समय घाटे का हवाला देकर नियामक संपत्तियां बना रही हैं, जो राष्ट्रीय विद्युत टैरिफ नीति का उल्लंघन है, फिर भी दिल्ली सरकार ने इसका लाइसेंस रद्द नहीं किया है. टैरिफ दिशा-निर्देश कहते हैं कि नियामक संपत्तियां केवल अत्यंत दुर्लभ परिस्थितियों में ही पोस्ट की जा सकती हैं. बीएसईएस की एक सहयोगी कंपनी ने ओडिशा में भी यही कोशिश की थी, जहां राज्य सरकार ने तुरंत उसका लाइसेंस रद्द कर दिया, लेकिन दिल्ली में यह खेल जारी है.
अधिकांश आवेदकों को मिला बिजली कनेक्शन
देश की राजधानी दिल्ली के अवैध कॉलोनी में बिजली कनेक्शन प्राप्त करने वाले आवेदकों के लिए एक राहत की खबर सामने आई है. दरअसल दिल्ली में 10802 आवेदकों ने वितरण बिजली कंपनी को कनेक्शन के लिए आवेदन किया था, इसमें से 6791 लोगों को बिजली कंपनियों के द्वारा कनेक्शन प्रदान किए गए हैं. यह कनेक्शन उन कॉलोनियों के निवासियों को प्रदान किया गया है, जो कई सालों से बिजली की सुविधा से वंचित थे.